कैट, विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ दायर करेगा मुक़दमा

जेएनएस। दिल्ली सहित देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना महामारी से लड़ने में सभी राज्य सरकारों के बुरी तरह से असफल होने तथा देश भर में तेजी से बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज कोरोना संक्रमण को रोकने में एक बड़ी पहल करते हुए देश भर में ष् स्वयं पुलिसिंग अभियानष् शुरू किया जिसके जरिये दिल्ली सहित देश भर के 40 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठनों को कैट ने एक सलाह जारी करते हुए आग्रह किया है की प्रत्येक व्यापारी संगठन अपने बाजार में यह सुनिश्चित करे की उस बाजार के सभी व्यापारी कोरोना से सुरक्षा के सभी प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य रूप से करें।

कैट ने यह भी सलाह दी है की यदि कोई व्यापारी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करता हुआ पाया जाए तो सम्बंधित एसोसिएशन उस व्यापारी के खिलाफ कुछ दंड लगाए जिससे प्रत्येक व्यापारी सुरक्षा के प्रोटोकॉल अपनाने में कोई कोताही न बरतें।

दिल्ली सहित देश में मेडिकल व्यवस्थाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं , कहीं कोई चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है और कोई भी व्यापारी कोरोना से संक्रमित न हो , इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कैट ने इस कदम को उठाया है जो व्यापारियों एवं उनके परिवारों के स्वयं के बृहद हित में है। कोरोना से संक्रमित होकर देश भर में बड़ी संख्यां में व्यापारी अपनी जान गँवा चुके हैं।

उधर दूसरी तरफ कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की कोविड को लेकर जिस प्रकार से विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों तथा सभी राज्यों में सम्बंधित अधिकारियों ने कोरोना के मामले में जिस प्रकार से लापरवाही बरती है और जिस तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे थे और यह सभी मंत्री उस अनुपात में चिकित्सा सुविधाओं के प्रति लापरवाह थे वो बिलकुल वही हालत थी की “रोम जल रहा था और नीरो बंसी बजा रहा था” । ऐसे सभी मंत्री एवं अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं और उनका अपराध अक्षम्य है और इस नाते से कैट ने यह निर्णय लिया है की इस मुद्दे को गंभीरता से कैट अदालत में उठाएगा और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगा । इस हेतु कैट के वकीलों की टीम केस तैयार कर रही है ।

भरतिया एवं खंडेलवाल ने स्वयं पुलिसिंग अभियान के बारे में बताते हुए कहा की राज्य सरकारों की कोरोना को लेकर की गई लापरवाही को देखते हुए कैट को यह कदम उठाना पड़ रहा है । उन्होंने कहा की सरकारों के लिए लॉक डाउन लगाना सबसे आसान रास्ता है लेकिन उस लॉक डाउन के कारण सबसे ज्यादा नुक्सान व्यापारियों का होता है और सरकार ने आज तक कभी भी व्यापारियों के नुक्सान की भरपाई करने के लिए कोई एक कदम तक नहीं उठाया है जबकि हर सरकार और हर राजनैतिक दल यह कहते नहीं थकता है की व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं ।

ऐसे में लॉक डाउन जैसी स्तिथि को टालने के लिए अब व्यापारियों को स्वयं-पुलिसिंग जैसा कदम उठाना पड़ रहा है जिससे व्यापारी न केवल स्वयं को बल्कि अपने परिवार को , कर्मचारियों और उनके परिवार को तथा दुकानों में आने वाले ग्राहकों को कोरोना से बचा सके ।

भरतिया एवं खंडेलवाल ने बताया की इस सेल्फ पुलिसिंग अभियान में कैट ने सलाह दी है की प्रत्येक दुकान मालिक न केवल स्वयं हर समय मास्क पहनें बल्कि अपने कर्मचारियों को भी अनिवार्य रूप से मास्क पहने रहने का निर्देश दें । अपनी दुकान में स्वयं अपने तथा ग्राहक के बीच 6 फुट की दूरी का पालन करें । जो व्यापारी दुकान के काउंटर पर बैठते हैं वो फेस शील्ड अवश्य लगाएं जिससे वो कोरोना से संक्रमित न हो पाएं । सभी व्यापारी अपनी दुकान पर सैनिटाइजर तथा कुछ मास्क अवश्य रखें और यदि कोई ग्राहक बिना मास्क के आये तो उसको मास्क दे दे । बिना मास्क पहने किसी ग्राहक को कोई सामान न दें ।

भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की दिल्ली सहित सभी राज्य सरकारों की लापरवाही के चलते आज मेडिकल सुविधाएं सारे देश में चरमरा गई हैं । सरकार के लाख दावे के बावजूद हकीकत यह है की न अस्पतालों में बिस्तर है , न आईसीयु है, न वेंटिलेटर है, न दवाइयां हैं और लोग सड़कों पर मारे मारे फिर रहे हैं । ऐसे में कम से कम हम अपने व्यापारियों को कोरोना महामारी से संक्रमित होने से बचा सके इसीलिए स्वयं -पुलिसिंग जैसा कदम उठाया है ।

आज की हालत में यदि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो जाए तो उसको मेडिकल सुविधा मिलेगी , उसमें बहुत संदेह हैं और एक बार कोरोना महामारी में फंसने के बाद पूरे परिवार को होना वर्तमान कोविड में हो रहा है । इस दृष्टि से कोरोना संक्रमण को रोकना हबूत जरूरी है और व्यापारी इस अभियान के द्वारा अपने स्तर पर कोविड को रोकने में पूरे तौर पर सक्रीय होंगे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *