दीपांश शिक्षा केन्द्र का प्रथम अलमुनी मीट संपन्न

बोकारो। मौलिक शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए डीपीएस बोकारो द्वारा संचालित ‘दीपांश शिक्षा केन्द्र’ का प्रथम अलमुनी मीट भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। ‘दीपांश शिक्षा केन्द्र’ व गरीब महिलाओं के लिए डीपीएस बोकारो द्वारा संचालित निःशुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र ‘कोशिश’ के स्थापना दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में दीपांश अलमुनी के सदस्यों ने नृत्य व गीत प्रस्तुत कर समां बांध दिया।
दीपांश के बच्चों ने ‘स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत’ नाटक प्रस्तुत कर सबको प्रभावित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में दिल्ली पब्लिक स्कूल, बोकारो की निदेशक व प्राचार्या सह दीपांश की संस्थापक डॉ हेमलता एस मोहन को विद्यार्थियों ने गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया।
अपने संबोधन में डॉ हेमलता ने दीपांश में अध्ययनरत व पूर्व छात्रों की प्रगति पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर दृ-सजय़ इच्छाशक्ति के साथ आगे ब-सजय़ने पर सफलता जरूर मिलती है, गरीबी आड़े नहीं आती है।
उन्होंने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य हेतु शुभकामनाएं दी। दीपांश की प्रभारी सीमा मिश्रा ने भी बच्चों को स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। दीपांश के कई पूर्व छात्र-ंउचयछात्राएं विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा की चमक बिखेर रहे हैं। दीपांश के पूर्व छात्र सोनू राज एवं राज बंका जो अब मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल के छात्र हैं इस वर्ष 10वीं बोर्ड परीक्षा में अपने विद्यालय का क्रमशः प्रथम व द्वितीय टॉपर रहे। अंग्रेजी ऑनर्स की छात्रा आशा रचनात्मक लेखन में भी अपनी प्रतिभा दिखा रही हैं वहीं काजल भी अंग्रेजी ऑनर्स की छात्रा हैं। लक्ष्मी व कमलेश पोलिटेक्निक के छात्र हैं। पूर्व छात्रा रवीना राष्ट्रीय स्तर की नृत्यांगना हैं तो प्रकाश एलबम डांसर हैं।
उल्लेखनीय है कि दीपांश एक ऐसा विद्यालय है जहाँ ऐसे बच्चे विद्या ग्रहण करने आते हैं, जिनके माता-ंउचयपिता उन्हें मौलिक शिक्षा भी नहीं दे पाते हैं। दीपांश शिक्षा केन्द्र ऐसे बच्चों के लिए पहली सी-सजय़ी है जो उन्हें सभ्य समाज में कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार करता है।
डीपीएस बोकारो की निदेशिका सह प्राचार्या डॉ हेमलता एस मोहन के कुशल मार्गदर्शन, दूरदृष्टि और सामाजिक संतुलन की भावना का परिणाम है कि यह विद्यालय सफलता के साथ अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। जुलाई 2001 में स्थापित इस विद्यालय का उद्देश्य सिर्फ अक्षर ज्ञान कराना ही नहीं, बल्कि सर्वांगीण विकास कराना है। बच्चों को प-सजय़ाई के साथ-ंउचयसाथ नृत्य, गीत, वाद्य, खेल-ंउचयकूद और अन्य कलाओं को निखारना भी है। अर्थात्, दीपांश शिक्षा केन्द्र एक ऐसा मंच है जो बच्चों की प्रतिभा को अवसर प्रदान करता है।
यहां अभी कक्षा 1 से 7 तक की प-सजय़ाई होती है। ‘कोशिश व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र’ डीपीएस, बोकारो द्वारा संचालित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए एक ऐसा केन्द्र है जहाँ पर महिलाओं को स्वावलंबन बनाने की कोशिश की जाती है। नाम के अनुरूप ही इस केन्द्र का उद्देश्य आर्थिक रूप से पिछड़ी महिलाओं को सबल बनाने की सार्थक कोशिश है। डीपीएस बोकारो की निदेशिका सह प्राचार्या डॉ हेमलता एस मोहन के अथक प्रयास, दृ-सजय़ निश्चय और महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच ने इन महिलाओं को एक ऐसी जगह दी जहाँ सिलाई/कटाई, हाथ और मशीन क-सजय़ाई, नरम खिलौना (सॉफ्ट टॉवेज), वॉल हैंगिंग, फ्लावर मेकिंग, मोमबत्ती बनाना आदि चीजें सिखाई जाती हैं और उन महिलाओं को एक हुनर प्रदान किया जाता है, जिससे वे पूरे आत्मविश्वास के साथ आत्मनिर्भर बन सकें। ‘कोशिश’ व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र की नींव वर्ष 2006 में पड़ी थी।