देश की खुफिया जानकारी चीन की इंटेलिजेंस को देने का आरोप एक भरतीय पत्रकार गिरफ्तार

आशीष सिन्हा,  नई दिल्ली। चीन की जासूसी के आरोप में दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के एक वरिष्ठ पत्रकार राजीव शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट में पेश करने के बाद पत्रकार राजीव शर्मा को न्यायालय ने छह दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
पुलिस ने खुलासा किया है कि स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को देश की महत्वपूर्ण दस्तावेज चीन को देने के आरोप में 14 सितंबर को ही गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने लगभग छह दिन बाद पत्रकार की गिरफ्तारी की जानकारी सार्वजनिक की है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार राजीव शर्मा को 14 सितंबर को सेंट्रल इंटेलिजेंस के इनपुट के आधार पर गिरफ्तार किया था, उसे अगले ही दिन कोर्ट के सामने पेश किया गया था। जहां कोर्ट ने उसे 6 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया था।
पुलिस ने उसके पास से क्लासिफाइड डिफेंस डॉक्यूमेंट्स के अलावा लैपटॉप, मोबाइल फोन भी जब्त किया था। उसके सीडीआर को भी स्कैन किया जा रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह किसके संपर्क में था।

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजीव षर्मा शर्मा कुछ भारतीय मीडिया ऑर्गनाइजेशन के साथ-साथ चीन के ग्लोबल टाइम्स के लिए भी रक्षा संबंधी मुद्दों पर लिखता था।

दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कहा कि उसने एक स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा, एक चीनी महिला और नेपाली नागरिक को गिरफ्तार किया है। इन पर चीन की इंटेलिजेंस को खुफिया जानकारी देने का आरोप है। पुलिस ने बताया कि ये जानकारियां बॉर्डर स्ट्रेटेजी और डिफेंस से जुड़ी हैं। पुलिस ने दावा किया है कि राजीव शर्मा को डेढ़ साल में चीन की इंटेलिजेंस एजेंसी से करीब 40 लाख रुपए मिले, एक इनपुट के लिए 73 हजार रुपए से ज्यादा मिलते थे। दिल्ली पुलिस ने फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया था, लेकिन जानकारी 19 सितंबर को सार्वजनिक की।
दिल्ली पुलिस ने राजीव को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया। पुलिस का दावा है कि राजीव के पास से डिफेंस से जुड़े कुछ बेहद सीक्रेट दस्तावेज बरामद किए हैं। राजीव को इसके बदले शेल कंपनियों के जरिए पैसा दिया जाता था। पुलिस ने बताया कि राजीव 2016 से चीनी इंटेलिजेंस के लिए काम करता था। एक इनपुट के लिए 73,610 (एक हजार डॉलर) रुपए मिलते थे। वह कुछ चीनी इंटेलिजेंस के लिए काम करता था। पुलिस ने बताया कि फ्रीलांस पत्रकार को डेढ़ साल में करीब 40 लाख रुपए मिले थे।

 

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