पुण्यतिथि पर पाश्र्वगायक मुकेश को बोकारो के कलाकारों ने दी सुरमयी श्रद्धांजलि

बोकारो। फिल्म संगीत के प्रसिद्ध पाश्र्वगायक मुकेश की पुण्यतिथि पर गुरुवार की शाम सेक्टर 6 में संगीत संध्या ‘एक शाम मुकेश के नाम’ आयोजित कर बोकारो के कलाकारों ने उन्हें सुरमयी श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम की शुरुआत संगीतज्ञ अरुण पाठक, राकेश कुमार सिंह, स्वराज राय, राजेन्द्र कुमार, डाॅ राकेश रंजन, प्राण मोहन सिंह, मनोज कुमार, अंजू यादव, कमलेश्वरी, बबलू, बलराम मजुमदार द्वारा मुकेश के चित्र पर पुष्पार्चन से हुई।

गायक अरुण पाठक ने कहा कि मुकेश के गाए गीत जन-जन में लोकप्रिय हैं। मुकेश जी ने अपनी गायकी व स्वर माधुर्य से जीवन के सुख-दुख व मानवीय भावनाओं की अद्भुत अभिव्यक्ति दी। फिल्म संगीत के प्रमुख गायकों में मुकेश जी का स्थान आदर के साथ लिया जाता रहेगा। डाॅ राकेश रंजन ने कहा कि जिस सहजता से मुकेश जी ने आम आदमी की पीड़ा व भावनाओं को स्वर दिया उसके लिए वह सदैव याद किए जाएंगे। स्वराज राय ने कहा कि मुकेश की गायकी कमाल की थी। राजेन्द्र कुमार ने कहा कि मुकेश के गाए गीतों में जो मिठास है वह दुर्लभ है। राकेश सिंह ने कहा कि भारतीय फिल्म संगीत को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति दिलाने का श्रेय मुकेश जी को ही है। उनके गाए गीत ‘आवारा हूं…’ व ‘मेरा जूता है जापानी…’ विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हुए। प्राण मोहन सिंह ने कहा कि मुकेश की गायकी की जितनी प्रशंसा की जाय कम है।

संगीत संध्या में अरुण पाठक ने ‘जिनके हृदय श्रीराम बसे…’, ‘दुनिया से जानेवाले जाने चले जाते हैं कहां…’, ‘दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई…’, ‘दीवानों से ये मत पूछो….’ व गायिका अंजू यादव के साथ युगलगीत ‘मेहबूब मेरे…’, ‘सावन का महीना पवन करे सोर…’, ‘ओ मेरे सनम….’, ‘एक प्यार का नग़मा हैै…’ तथा कमलेवरी के साथ ‘फूल तुम्हें भेजा है खत में…’, ‘किसी राह में किसी मोड़ पर…’ व ‘धीरे-धीरे बोल कोई सुन न ले…’ की सुमधुर प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। प्राण मोहन सिंह ने ‘जाने कहां गये वो दिन…’, ‘संसार है इक नदिया…’, ‘कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे…’ व ‘जीना यहां मरना यहां इसके सिवा जाना कहां…’, कमलेश्वरी ने ‘मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने…’ सुनाकर व स्वराज राय ने इलेक्ट्रिक गिटार पर ‘जीना यहां मरना यहां की धुन प्रस्तुत कर मुकेश जी को श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम में की-बोर्ड पर राजेन्द्र कुमार व अपूर्व सिंह, ढोलक पर राकेश कुमार सिंह, तबले पर बलराम मजुमदार, आॅक्टोपैड पर मनोज व बेस गिटार पर बबलू ने अच्छी संगति की।

 

 

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