बोकारो : पूर्व प्रशासनिक अधिकारी व कई पुस्तकों के लेखक पंडित विद्यानंद झा ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उनकी दो दिवसीय ओडिशा यात्रा के दौरान 11 नवंबर को राजभवन, भुवनेश्वर में भेंट कर उन्हें अभिनंदन पत्र तथा अपनी दो पुस्तकें ‘सांख्यदर्शन कौमुदी’ व ‘परमवीर चक्र : शौर्य की अनुपम गाथा’ भेंट की। पं झा ने बताया कि राष्ट्रपति बहुत ही सहजभाव व आत्मीयता के साथ मिलीं। इस दौरान पं झा की पुत्री वरीय अधिवक्ता ममता मिश्रा भी मौजूद थीं।
उल्लेखनीय है कि पं विद्यानंद झा बिहार सरकार में संयुक्त सचिव के पद से सेवानिवृत्ति के बाद अपना पूरा धयान पुस्तक लेखन की ओर केंदित किया। इनकी प्रकाशित पुस्तकों में मिथिला सरोज रत्नावली, सांख्यदर्शन कौमुदी, गायत्री तत्व प्रकाश, ममता गाबए मिथिलाक गीत, भारत का संविधान : एक विश्लेषण, सिद्घपीठ भदुली भद्रकाली, कपिलमुनि आ हुनक दर्शन, नवग्रहमाहात्म्य एवं ग्रह शांति, प्राचीन भारत की आदर्श नारियां, आधुनिक भारत की वीरांगनायें, भारत रत्न से अलंकृत विभूतियां, परमवीर चक्र :शौर्य की अनुपम गाथा आदि शामिल हैं।
पं विद्यानंद झा वर्ष 2012-14 तक विशेषज्ञ (हिन्दी एवं मैथिली) संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, नयी दिल्ली एवं भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर (मानव संसाधन विकास मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग, भारत सरकार) का दायित्व भी संभाल चुके हैं। पुस्तक लेखन के लिए इन्हें कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है। पं झा राष्ट्रीय संस्कृत प्रसार परिषद्, बोकारो के निदेशक भी रहे हैं।