‘तुम मुझे यूं भुला न पाओगे…’

# मो. रफी की पुण्य तिथि पर बोकारो में ‘एक शाम मो. रफी के नाम’

बोकारो। इस्पात नगरी बोकारो के कलाकारों व संगीतप्रेमियों ने फिल्म संगीत के प्रख्यात पार्श्वगायक मो. रफी की पुण्यतिथि के अवसर बुधवार की देर शाम सेक्टर 12 सी में ‘एक शाम मो. रफी के नाम’ कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें सुरमयी श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम की शुरुआत सेक्टर 12 थाना के इंस्पेक्टर राजीव कुमार वीर, संगीतज्ञ डॉ राकेश रंजन, गायक अरुण पाठक व रमण कुमार ने मो. रफी के चित्र पर मार्ल्यापण व पुष्पार्चन कर की। इस अवसर पर पुलिस इंस्पेक्टर राजीव वीर ने कहा कि रफी साहब फिल्म संगीत के महान पार्श्वगायक थे। उन्होंने अपनी गायकी से फिल्म संगीत को जन-जन में लोकप्रिय बनाया। गायक अरुण पाठक ने कहा कि फिल्म संगीत को नया आयाम देने में रफी साहब का योगदान अविस्मरणीय रहेगा। संगीतज्ञ डॉ राकेश रंजन ने कहा कि मो. रफी की सांगीतिक प्रतिभा अद्भुत थी। उन्होंने हर तरह के गीतों को बहुत ही खूबसूरती से गाकर सबके दिलों में विशिष्ट पहचान बनाई।

सुप्रसिद्ध गायक अरुण पाठक ने ‘मुझको मेरे बाद ज़माना ढूंढ़ेगा…’, ‘तुम मुझे यूं भुला न पाओगे…’, ‘आजा तुझको पुकारे मेरे गीत रे…’, ‘ये रेशमी जुल्फें ये शरबती आंखें…’, ‘खुदा भी आसमां से जब ज़मीं पर देखता होगा…’, ‘चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे…’, ‘मुझे इश्क है तुझी से…’, ‘जब-जब बहार आई..’ व ‘ऐ फूलों की रानी…’ आदि गीतों की सुरीली प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। रमण कुमार ने ‘छू लेने दो नाजुक होठों को…’ व ‘तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है…’ सुनाकर रफी साहब को श्रद्धांजलि दी।

इसके पूर्व भजन संध्या का आयोजन हुआ जिसमें महेश्वर ओझा ने ‘ओ फूल कहां से लाऊं जो भोले को रिझा दे…’, ‘रघुराई चचल न केहु के चतुराई…’ तथा अरुण पाठक ने ‘बाबा नेने चलियौ हमरो अपन नगरी…’ व ‘माधव कते तोर करब बड़ाई…’ आदि भक्तिगीतों की सुमधुर प्रस्तुति से सबको आनंदित किया। हारमोनियम पर पी एन सिंह व ढोलक पर मनदेव उपाध्याय व पी एन मिश्र ने संगति की।

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