‘दिल की आवाज़ भी सुन मेरे फसाने पे ना जा…’

# संगीतकार ओ पी नैयर के जन्मदिन पर बोकारो में स्वरांगिनी ने सजाई सुरों की मेहफिल

बोकारो: हिन्दी फिल्म संगीत के सुप्रसिद्ध संगीतकार ओ पी नैयर के जन्मदिन पर रविवार की शाम सेक्टर 12 में स्वरांगिनी संगीतालय में रमण कुमार के संयोजन में संगीत संध्या का आयोजन कर कलाकारों ने उन्हें सुरमयी श्रद्धांजलि दी।

गायक अरुण पाठक ने ‘दिल की आवाज़ भी सुन मेरे फसाने पे ना जा…’, ‘मेरा प्यार वो है…’, ‘तुम्हारा चाहनेवाला खुदा की दुनिया में…’, ‘आप यूं ही अगर हमसे मिलते रहे…’, ‘चल अकेला चल अकेला…’ आदि गीतों की सुमधुर प्रस्तुति से समां बांध दिया। रमण कुमार ने ‘है दुनिया उसी की जमाना उसी का…’, ‘आपके हसीन रूख पे आज नया नूर है…’, ‘पुकारता चला हूं मैं…’, ‘फिर मिलोगे कभी इस बात का वादा कर लो…’ की प्रस्तुति से सबको आनंदित किया।

रंगकर्मी व संगीतप्रेमी राजेन्द्र कुमार ने कहा कि पुराने दौर के संगीतकारों में ओ पी नैयर की एक अलग पहचान थी। कर्णप्रिय संगीत के लिए वह सदैव याद किए जाएंगे। अरुण पाठक ने कहा कि पार्श्वगायिका आशा भोंसले के कैरियर को नया आयाम ओ पी नैयर ने ही दिया था। एक सुरीले संगीतकार के रूप में वह सदैव स्मरणीय रहेंगे। नीरज चौधरी व बहुरन झा ने भी नैयर को एक महान संगीतकार के रूप में याद किया।

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