21 मार्च- विश्व वृक्षारोपण दिवस

  • यहां देश के वीर शहीदों और महापुरुषों के नाम पर लगाए जाते हैं पौधे, बच्चे करते हैं रखवाली
  • 10 वर्षों में 3373 पौधे लगाए गए, कई बिखेर रहे हरियाली और शीतलता

बोकारो। औद्योगीकरण और विकास की अंधाधुंध दौड़ में पेड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. बीतते दिनों के साथ वृक्षारोपण की प्रासंगिकता और महत्व में वृद्धि ही हुई है. प्रदूषण और पर्यावरणीय असंतुलन की बीमारी से आक्रांत हमारी पृथ्वी को बचाने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाना सभी मानव जाति का एक संयुक्त मिशन होना चाहिए. जब आप एक पेड़ लगाते हैं, तो आप सिर्फ एक पौधा ही नहीं, बल्कि एक उम्मीद भी लगाते हैं. उम्मीद पर्यावरण संरक्षण की, उम्मीद जैवीय अस्तित्व-रक्षा की. पेड़ हमारे अस्तित्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. वस्तुतः अनिवार्य रूप से मानव जाति और अन्य जीवित जीवों के बहुमूल्य धन हैं. बिना किसी शर्त के वे हमें भोजन, ऑक्सीजन, और मानवीय स्थिरता के लिए कई अन्य जरूरतें, यथा- आश्रय, दवाएं, उपकरण, और बहुत कुछ प्रदान करते हैं.

बच्चे हमारे भविष्य हैं और उनमें छात्र-जीवन से ही पर्यावरण-संरक्षण की चेतना जागृत करना अनिवार्य है. बच्चे आगे चलकर पेड़-पौधे बचाने की इस मुहिम का अगुवा बनें और इसके साथ-साथ अपने देश के महापुरुषों व उनके संघर्षों से प्रेरित हो सकें, इसी उद्देश्य से बोकारो स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस बोकारो) विगत लगभग एक दशक से एक अनूठी मुहिम चला रहा है. विद्यालय परिसर में एक हरितीमा-क्षेत्र स्थापित किया गया है. खास बात यह है कि इसमें बच्चों द्वारा महापुरुषों और अन्य वीर पुरोधाओं के नाम पर पौधे लगाए जाते हैं. विगत लगभग 10 वर्षों में 3373 छोटे-बड़े पौधे इसमें लगाए जा चुके हैं. इनमें से कई तो अब बड़े होकर सुंदर हरितीमा और शीतलता भी बिखेर रहे हैं.

‘ग्रीन ब्रिगेड’ – बच्चों की हरितसेना करती है काम
‘ग्रीन ब्रिगेड’ यानी हरित टोली. स्कूल के छात्र-छात्राओं की यह ब्रिगेड हरितसेना के रूप में काम करती है. बच्चों को अपने देश के महापुरुषों के अवदानों और उनके प्रति कृतज्ञता-भाव से जोड़े रखने के साथ-साथ हरियाली बचाए रखने में उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह टोली बनाई गई है. ग्रीन ब्रिगेड के तहत विद्यालय परिसर में बच्चे अवसर विशेष पर महापुरुषों के नाम पौधे लगाते हैं. इससे बाकी विद्यार्थी महापुरुषों से भी परिचित होते हैं और विद्यालय परिसर हरा-भरा भी रहता है. पठन-पाठन के बाद समय निकालकर बच्चों को ग्रीन एक्टिविटी में शामिल किया जाता है. बच्चे पौधे लगाते हैं और उनकी बखूबी देखभाल भी करते हैं. इसमें चंद्रशेखर आजाद के नाम पर सिरिस, शहीद टाना भगत के नाम पर करंज, सुखदेव के नाम जामुन, महात्मा गांधी के नाम पर सागवान आदि पौधे लगाए गए हैं. इसके अलावा बिरसा मुंडा, राजगुरु, नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे महापुरुषों के नाम भी पौधे लगाए गए हैं.

अतिथियों का ‘ग्रीन वेलकम’ से करते हैं अनूठा सत्कार
किसी अतिथि के आने पर कुछ लोग जहां पुष्पगुच्छ या अन्य चीजों से उनका स्वागत करते हैं, वहीं दूसरी ओर डीपीएस बोकारो की सोच कुछ अलग है. हरितीमा के प्रति जागरूकता के संदेश के साथ यहां हरेक आयोजन पर आनेवाले अतिथियों का स्वागत उन्हें पौधे भेंटकर किया जाता है. सुंदर गमले में साज-सज्जा के साथ भेंट किए जानेवाले पौधे का आकर्षण अपने-आप में खास होता है. यहां से जाने वाले अतिथि अपने साथ यह हरित-स्मृति ले जाते हैं और पौधा से पेड़ होने तक यह उपहार उन्हें विद्यालय-आगमन का स्मरण कराता रहता है.

पर्यावरण-संरक्षण का बोध बचपन से ही जरूरी
डॉ. ए. एस. गंगवार, प्राचार्य,  डीपीएस बोकारो ने कहा कि प्रदूषण सहित विकास के विभिन्न दुष्परिणाम झेल रहे पर्यावरण को बचाने की दिशा में बचपन से ही जागरुकता और बोध आवश्यक है। एक बच्चा जब जागरूक होगा, तो उसका पूरा परिवार, समाज और अंततः पूरा राष्ट्र एवं विश्व समुदाय पेड़-पौधों की हिफाजत के प्रति जिम्मेदार बन सकेगा। इसी ध्येय के साथ डीपीएस बोकारो में ‘ग्रीन ब्रिगेड’ बनाकर बच्चों को वृक्षारोपण के अभियान से जोड़ा जाता है. पौधे लगाने के साथ देश के अमर बलिदानियों से बच्चे प्रेरित भी हों, यही उनके नाम पर वृक्षारोपण का उद्देश्य है. विद्यालय हरियाली बचाने के निमित्त विद्यालय ‘गो ग्रीन इनिशिएटिव’ भी चलाता है, जिसके तहत अनेक सद्प्रयास किए गए हैं. इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप विद्यालय को ‘ग्रीन स्कूल’ के रूप में ‘सेवन स्टार रेटिंग’ भी मिल चुकी है। हरितीमा बनाए रखने का यह क्रम आगे भी जारी रहेगा.

‘ग्लोबल ट्री प्लांटेशन डे’
वर्ष 2012 में संयुक्त राष्ट्र की आमसभा ने वनों की रक्षा और इसकी महत्ता के प्रति अधिकाधिक जागरूकता के उद्देश्य से 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस (इंटरनेशनल डे आफ फॉरेस्ट) के रूप में घोषित किया था. इसी उपलक्ष्य में इस दिन वैश्विक स्तर पर वृक्षारोपण दिवस (ग्लोबल ट्री प्लांटेशन डे) मनाया जाता है.

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