विद्यापति विश्व साहित्य के महाकवि और मिथिला संस्कृति का माधुर्य अप्रतिम : तिवारी

# मिथिला सांस्कृतिक परिषद् का 56वां दो दिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोह संपन्न

बोकारो: बोकारो की प्रतिष्ठित सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था मिथिला सांस्कृतिक परिषद् का मुख्य वार्षिक उत्सव 56वां दो दिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोह का भव्य आयोजन रविवार की देर रात संपन्न हुआ। परिषद् द्वारा संचालित सेक्टर 4 स्थित मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल परिसर में आयोजित इस भव्य आयोजन के दूसरे दिन के कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि बीएसएल के अधिशासी निदेशक (संकार्य) वीरेंद्र कुमार तिवारी, विशिष्ट अतिथि बीपीएससीएल के पूर्व सीईओ केके ठाकुर व डालमिया भारत सीमेंट के स्थानीय अधिशासी निदेशक प्रिय रंजन, परिषद् के अध्यक्ष अनिल कुमार, उपाध्यक्ष अनिमेष कुमार झा, राजेन्द्र कुमार, महासचिव अविनाश कुमार झा, मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल के अध्यक्ष हरि मोहन झा, मिथिला महिला समिति की अध्यक्ष सीमा झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर व महाकवि विद्यापति की तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्पार्चन कर किया।

इस अवसर पर आगत अतिथियों का स्वागत उदीयमान प्रतिभावान गायिका अक्षिता पाठक ने प्रसिद्ध गीतकार डॉ चंद्रमणि झा द्वारा लिखित स्वागत गीत ‘मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छथि आयल…’ की सुमधुर प्रस्तुति से की। स्वागत भाषण परिषद् के अध्यक्ष अनिल कुमार ने किया, जबकि महासचिव अविनाश कुमार झा ने परिषद् की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि श्री तिवारी ने कहा कि मिथिला संस्कृति को जीवंत बनाये रखने में परिषद का अतुलनीय योगदान है। राजा जनक एवं मां जानकी की जहां संस्कृति हो, वह अपने-आप में अद्वितीय है। विविध संस्कृति व सभ्यता हिंदुस्तान की खूबसूरती है। मिथिला संस्कृति में अप्रतिम माधुर्य ही इसकी विशेषता है।

उन्होंने कहा कि विद्यापति जी के बारे में कुछ भी कहना सूरज को दीया दिखाने के समान है। वस्तुतः वह विश्व साहित्य के महाकवि हैं। विशिष्ट अतिथि श्री चौधरी ने महाकवि विद्यापति को मिथिला ही नहीं, पूरे देश की महान विभूति बताया और परिषद् के इस सांस्कृतिक अनुष्ठान की सराहना की। अतिथियों को मिथिला पेंटिंग व पाग-डोपटा भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अतिथियों ने वरिष्ठ साहित्यकार विजय शंकर मल्लिक की मैथिल कहानियों का संग्रह ‘कुल श्री’ व हिंदी पुस्तक ‘कैथी कोर्स बुक’ (कैथी लिपि) का विमोचन किया। उद्घाटन सत्र का संचालन परिषद् के सांस्कृतिक कार्यक्रम निर्देशक शंभु झा व धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष अनिमेष कुमार झा ने किया।

उद्घाटन सत्र के बाद संक्षिप्त सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर चला जिसमें परिषद् के प्रेस सचिव व प्रसिद्ध गायक अरुण पाठक ने श्रृंगार रस के गीत, मिथिला महिला समिति की किरण मिश्रा, अमिता झा, सीमा झा, नमिता झा, बीनू चौधरी, ममता झा, गुड़िया झा, मधु ठाकुर, शिखा चौधरी व पूनम झा ने विद्यापति के गीत, अविनाश कुमार झा, उमेश कुमार झा, शारदा झा, गौरी झा, अदिति झा, रुपा चौधरी, निभा झा, अनिल कुमार झा आदि ने मैथिली भक्ति, श्रृंगार व विद्यापति रचित गीतों की सुंदर प्रस्तुति से सबको आनंदित किया। कार्यक्रम में कीबोर्ड पर राजेन्द्र, ढोलक पर राकेश कुमार सिंह, तबले पर हर्षित व ऑक्टोपैड पर घनश्याम ने अच्छी संगति की।

समारोह के दूसरे दिन का खास आकर्षण रहा सामाजिक व समसामयिक मैथिली नाटक ‘बड़का साहेब’ का सशक्त मंचन। इस नाटक में वर्तमान सामाजिक परिवेश, स्टेटस सिंबल आदि को लेकर लोगों की मनोदशा आदि का बहुत ही सुंदर चित्रण किया गया है। नाटक के कथानक के अनुसार गांव में अभावों के बीच रहकर पढ़ाई के बाद जब व्यक्ति बड़े पद पर पहुंच जाता है तो वह अपने पुराने संघर्ष के दिनों को भूल जाता है और उसकी मानसिक स्थिति भी शहर के बडे साहब की हो जाती है। सुप्रसिद्ध लेखक स्व. लल्लन प्रसाद ठाकुर द्वारा लिखित इस नाटक का मंचन वरिष्ठ रंगकर्मी बटोही कुमार व शंभु झा के निर्देशन में हुआ जिसमें विभिन्न भूमिकाओं में शंभु झा (बड़का साहेब-बी सी झा), सुनील मोहन ठाकुर (छेदी झा), नीरज चौधरी (वर्माजी), गिरजानंद झा (भोला), शशांक पाठक (चूड़ामणि), अदिति झा (मीना), मिक्की (ऋचा), तारणी ठाकुर (रानी) व बाल कलाकार अंश कुमार झा (विक्की) ने बहुत ही सुंदर अभिनय का प्रदर्शन कर नाटक को जीवंत बना दिया।

नाटक का तकनीकी निर्देशन राजेन्द्र कुमार ने किया जबकि नाटक में प्राउंटर की भूमिका में रमण कुमार ठाकुर, पार्श्वध्वनि चंद्र कान्त मिश्र, प्रकाश व्यवस्था भृगुनंदन ठाकुर, मंच व्यवस्था गंगेश कुमार पाठक व सुनील कुमार चौधरी की थी। धन्यवाद ज्ञापन परिषद् के सांस्कृतिक कार्यक्रम निदेशक शंभु झा ने किया। इस अवसर पर गणेश चन्द्र झा, अमरेन्द्र कुमार झा, उमेश मिश्र, अनिता तिवारी, सीमा ठाकुर, निक्की, मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल के उपाध्यक्ष जय प्रकाश चौधरी, सचिव पी के झा चंदन, संयुक्त सचिव नीरज चौधरी, परिषद् के संयुक्त सचिव समरेन्द्र झा, कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार झा, सहायक सचिव अविनाश अवि, मिहिर झा राजू, उषा झा, कंचन झा, प्रीति राय, विजय कुमार झा, संतोष मिश्र, बहुरन झा, दीपक झा सहित काफी संख्या में दर्शक उपस्थित थे।

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