‘धरती मेरी माता है, माता को प्रणाम करो…’

# धरा की रक्षा के आह्वान के साथ डीपीएस बोकारो में पृथ्वी दिवस मनाया गया

बोकारो : संपूर्ण जीव-जगत को अपनी गोद में शरण देने वाली धरती मां की रक्षा के आह्वान के साथ शुक्रवार को डीपीएस (दिल्ली पब्लिक स्कूल) बोकारो में पृथ्वी दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राओं सहित विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। विद्यालय के कालिदास कला भवन में छात्र-छात्राओं ने अर्थ डे की इस वर्ष की थीम ‘इन्वेस्ट इन अवर प्लेनेट’ यानी ‘हमारे ग्रह में निवेश’ पर आधारित आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

सर्वप्रथम बच्चों ने समूहगान धरती मेरी माता है, माता को प्रणाम करो… की सुरमयी प्रस्तुति के जरिए पृथ्वी के सम्मान तथा इसकी सुंदरता बनाए रखने को लेकर अपील की। इसके बाद मुझसे ही तू जिंदा है, न काटो मुझे बड़ा दुखता है… गीत पर विद्यार्थियों ने भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किया। हरियाली, पेड़-पौधे और प्रकृति से संबंधित वेशभूषा में सजे-धजे बच्चों ने पेड़ काटने सहित वनों पर अत्याचार और इसके दुष्परिणाम का जीवंत चित्रण कर सभी की भरपूर सराहना पाई। इसके बाद विद्यार्थियों व शिक्षकों सहित सभी ने सामूहिक रूप से पृथ्वी की रक्षा की प्रतिज्ञा ली।

विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने कहा कि पृथ्वी है, तो हम हैं। पृथ्वी को खतरे में डालना अपने अस्तित्व को संकट में डालने के समान है। अतः इसकी रक्षा हम सभी का सामूहिक दायित्व और धर्म है। इस दिशा में उन्होंने बच्चों की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया। विद्यालय के उप प्राचार्य अंजनी भूषण ने विद्यार्थियों को अपनी मातृभूमि के सम्मान का संदेश दिया। पृथ्वी की रक्षा के लिए उन्होंने अधिकाधिक पौधे लगाने पर बल दिया। इस अवसर पर विद्यालय के सभी कर्मियों ने 12वीं की छात्रा शिक्षा सिंह द्वारा तैयार जागरुकतापरक बैज लगाकर दिनभर काम किया।

इधर, विद्यालय की प्राइमरी इकाई में भी पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में विशेष प्रार्थना सभा हुई, जिसमें कक्षा 3 से 5 के बच्चों ने पृथ्वी बचाओ सुंदर कविता प्रस्तुत की। उन्होंने आकर्षक नृत्य के माध्यम से प्लास्टिक का उपयोग न करने का संदेश दिया। बच्चों के लिए पर्यावरण संबंधी क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की गई और अंत में सभी ने पृथ्वी-रक्षा की शपथ ली। डीपीएस बोकारो द्वारा अभिवंचित बच्चों के शिक्षार्थ संचालित दीपांश शिक्षा केंद्र भी विशेष एसेंबली हुई और विद्यार्थियों ने प्रकृति-रक्षा का संकल्प लिया।

उल्लेखनीय है कि प्रकृति के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ही प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस (अर्थ डे) मनाया जाता है। 22 अप्रैल, 1970 में आधुनिक पर्यावरण आंदोलन के जन्म की सालगिरह का यह प्रतीक माना जाता है।

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