साहित्य के माध्यम से समाज को  मिलती है नई दिशा : अरुण पाठक

#साहित्यलोक की मासिक रचनागोष्ठी आयोजित
बोकारो : चर्चित साहित्यिक संस्था साहित्यलोक की मासिक रचनागोष्ठी रविवार को साहित्यकार भुटकुन झा के  चास स्थित आवास रोजवैली अपार्टमेंट में कवि व गायक अरुण पाठक की अध्यक्षता में आयोजित हुई। साहित्यलोक के संयोजक अमन कुमार झा के संचालन में आयोजित इस रचनागोष्ठी की शुरुआत कवि भुटकुन झा ने मैथिली में स्वागत गीत सुनाकर की। तत्पश्चात उन्होंने संस्कृत में साहित्य की महत्ता को दर्शाती रचना सुनाने के बाद मैथिली में ‘देखियौ वसंत आबि गेल.. ‘ सुनाकर सबकी प्रशंसा पाई।
अमन कुमार झा ने मैथिली कथा ‘कोहबरक पान’, राजीव कंठ ने मैथिली में हास्य लघुकथा ‘प्रतिउत्पन्न मति’ व ‘बाल्टी’, राजेन्द्र कुमार ने संस्मरण, डॉ रणजीत कुमार झा ने हिन्दी कविता ‘मृगनयनी’ व मैथिली गीत ‘सुनु सुनु सुन्नरि’, विजय शंकर मल्लिक ‘सुधापति’ ने मैथिली कविता ‘सगरो फूल फुलेलै, कही जे श्रृतुवसंत चलिएलै…’, हिन्दी कविता व गज़ल एवं अरुण पाठक ने मैथिली होली गीत-‘होली पावनि अछि मनभावन, एकरा सभ मिलि संग मनाउ… ‘ सुनाकर सबकी दाद पायी।
पठित रचनाओं पर समीक्षा टिप्पणी भी दी गयी। अध्यक्षीय वक्तव्य में अरुण पाठक ने कहा कि साहित्यलोक की मासिक रचनागोष्ठी अद्वितीय होती है। इसकी निरंतरता बनी रहे जिससे साहित्य के माध्यम से समाज को नई दिशा मिलती रहे।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *