अमेरिका ने ईरान पर हमले के सबूत में बंकर बस्टर बम का वीडियो जारी किया

वॉशिंगटन डीसी – अमेरिका ने शनिवार को ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले के बाद अब बंकर बस्टर बमों का टेस्ट वीडियो जारी किया है। गुरुवार को पेंटागन में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन ने इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इस मिशन का नाम “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” रखा गया था और इसमें B-2 बमवर्षक विमानों ने गुपचुप तरीके से ईरान के भूमिगत परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया।

जनरल केन ने बताया कि ये बंकर बस्टर बम साधारण बमों की तरह सतह पर नुकसान नहीं दिखाते, बल्कि जमीन के काफी नीचे जाकर विस्फोट करते हैं। इस वजह से सतह पर कोई गड्ढा या बड़ा निशान नहीं दिखाई देता, लेकिन अंदर बहुत गहरी तबाही होती है।

“इस बम का असर ब्लास्ट, ओवरप्रेशर और शॉक वेव से होता है, और सभी छह बम अपने-अपने टारगेट पर सटीक गिरे,” उन्होंने कहा।

हेगसेथ ने मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग इस ऑपरेशन की सफलता पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि यह एक ऐतिहासिक सैन्य मिशन था। उन्होंने कहा, “जब आप स्कैंडल ढूंढते रहते हैं, तो ऐसे ऐतिहासिक पल मिस कर देते हैं।”

जनरल केन ने यह भी बताया कि अमेरिका की डिफेंस थ्रेट रिडक्शन एजेंसी के दो अधिकारियों ने ईरान के फोर्दो परमाणु प्लांट पर 15 साल तक रिसर्च की थी, तभी यह ऑपरेशन संभव हो पाया।

उन्होंने समझाया कि हर टारगेट पर छह बम गिराए गए — पहला बम सुरंग खोलने के लिए, अगले चार बम 1000 फीट प्रति सेकंड की रफ्तार से अंदर घुसे, और आखिरी बम बैकअप के तौर पर रखा गया था।

इस हमले के जवाब में ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी बेस पर हमला किया, लेकिन अमेरिका पहले से सतर्क था, जिससे किसी भी सैनिक को चोट नहीं आई और बेस को भी खास नुकसान नहीं हुआ।

राष्ट्रपति ट्रंप ने जवाबी कार्रवाई से इनकार किया और कुछ घंटों बाद ईरान और इज़राइल के बीच सीज़फायर की घोषणा कर दी।

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