ई विधावाहिनी के नये वर्जन के खामियों को पहले दूर करे विभाग

# निजी मोबाइल से उपस्थिति बनाने का किया जायेगा बहिष्कार : संयुक्त शिक्षक मोर्चा

राँची : झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा ने विभागीय सचिव के पत्रांक 3152 दिनांक 11 अगस्त 2023 के द्वारा निर्गत पत्र के आधार पर आज प्रमुखता से सभी अखबारों में प्रकाशित खबर ई विधावाहिनी एप में छेड़छाड़, हाजिरी बनाने में फर्जीवाड़ा पर सवाल खड़ा करते हुए मोर्चा के संयोजक विजय बहादुर सिंह, अमीन अहमद एवं प्रदेश प्रवक्ता अरुण कुमार दास ने कहा है कि आखिर किस परिस्थिति में शिक्षकों को निजी मोबाईल से बायोमैट्रिक उपस्थिति बनाने के नाम पर नित नये नये प्रयोग शिक्षा विभाग द्वारा किये जा रहे हैं ?

हालिया जारी नये ई विधावाहिनी एप 2. 2. 6 में मैनुअल उपस्थिति बनाने के विकल्प को पूर्णत:समाप्त करने के अलावे लोकेशन, समय एवं तिथि को नहीं बदला जा सकता है। ऐसे स्थिति में विद्यालयों में बगैर टैब उपलब्ध कराये शिक्षकों पर दोषारोपण करना कहीं से भी उचित प्रतीत नहीं होता है।

ई विद्यावाहिनी के नये वर्जन 2. 2. 6 में भी अब तक कई ख़ामियाँ व्याप्त हैं, इस संदर्भ में विभाग को बार बार संज्ञान में दिया गया है :-

1.विद्यालय परिषर से हाजिरी बनाने पर भी 100 मीटर दूर से हाजिरी बनने का रिकॉर्ड दर्ज होता है।

2. समय पर विद्यालय आने के बावजूद भी निजी मोबाईल से हाजिरी बनाने एवं सिंक्रोनाइज करने में घंटों बीत जाता है।

3. कई शिक्षकों के निजी मोबाईल में उपलब्ध स्कैनर से हाजिरी नहीं बन पाता है।

4. शिक्षकों के पास मोबाईल नहीं होने अथवा खराब हो जाने की स्थिति में भी विद्यालय आकर भी अनुपस्थित बताया जाता है l

5. स्कैनर के खराब होने पर भी बायो मैट्रिक उपस्थिति बनाने पर प्रतिकूल असर पड़ता है।

इस तरह के कई ऐसे कठिनाइयों का सामना शिक्षकों को करना पड़ता है और मानसिक परेशानी का शिकार आये दिन शिक्षकों को ही होना पड़ता है।

आज अखबार के माध्यम से शिक्षकों की छवि को जिस नजरिये से पेश किया जा रहा है, जो पूर्णतया सच्चाई से परे है। विगत दो माह पूर्व मोर्चा के द्वारा विभाग को इस सम्बंध में लीगल नोटिस के माध्यम से वस्तुस्थिति से अवगत करायी गयी थी, बावजूद इसके विभाग के द्वारा अभी तक संज्ञान में नहीं लिया जाना और शिक्षकों पर दोषारोपण करना विभाग के तानाशाही रवैया को दर्शाता है l

विभागीय सचिव के उपरोक्त पत्रांक के आलोक में मोर्चा के द्वारा नामित कुछ शिक्षकों से संपर्क स्थापित कर वस्तुस्थिति की जानकारी लिया, जिसमें शिक्षकों पर लगाए गए आरोपों को पूर्णतया निराधार पाया गया। अत: झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा मांग करती है कि आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति नियमावली 2015, झारखंड सरकार का अक्षरशः पालन करते हुए राज्य के अन्य विभागों के तरह टैब या बायोमैट्रिक मशीन उपलब्ध कराने के पश्चात ही इसे लागू किया जाय।

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