New Delhi: भारत में अब चीन के ओपन-सोर्स AI प्लेटफॉर्म DeepSeek को भारतीय सर्वरों पर होस्ट किया जाएगा, ताकि बढ़ती डेटा सुरक्षा चिंताओं का समाधान किया जा सके। यह घोषणा केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को की।
वैष्णव ने यह भी बताया कि भारत जल्द ही अपना खुद का AI मॉडल विकसित करेगा, जिससे देश की AI क्षेत्र में बढ़ती महत्वाकांक्षा की ओर इशारा मिलता है। इसके साथ ही, भारत एक साझा कंप्यूटिंग सुविधा बनाएगा, जिसमें 18,693 GPUs होंगे, जो देश में AI अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देंगे।
मंत्री ने यह भी घोषणा की कि AI सुरक्षा के लिए एक नई संस्था बनाई जाएगी। उन्होंने भारत की तकनीकी उन्नति में सरकार की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया। भारत अब दुनिया की सबसे सस्ती कंप्यूटिंग सुविधा का घर है, और सरकार का उद्देश्य AI में निरंतर नवाचार को बढ़ावा देना है।
भारत ने पहले ही इंडियाAI मिशन के तहत 10,300 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है, जो AI स्टार्टअप्स और घरेलू AI बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित है। वैष्णव ने DeepSeek के सफल परिणामों का हवाला दिया, जो केवल $5.5 मिलियन के निवेश से हासिल हुए थे, यह दिखाता है कि सीमित संसाधनों का सही उपयोग शक्तिशाली परिणाम दे सकता है।
DeepSeek, जो एक चीनी स्टार्टअप द्वारा विकसित किया गया है, अपनी जटिल तर्क क्षमता के लिए जाना जा रहा है और इसके ऐप ने Apple के App Store पर OpenAI के ChatGPT को डाउनलोड्स में पीछे छोड़ दिया है।