
स्वतंत्र पत्रकार
2024 कुछ अच्छी-बुरी घटनाओं के साथ बिदा ले रहा है और 2025 दस्तक दे रहा है। आइए हम सब इसका स्वागत एक नए जोश, उमंग और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ करें।यह इसलिए भी आवश्यक है कि वर्ष 2025 न केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन को संवारने का, चमकाने का एक अवसर है, बल्कि यह हमें अपने परिवार,समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का पुनर्निर्धारण करने का भी अवसर प्रदान करेगा। वर्तमान समय में, जब तकनीक, विज्ञान और समाज के सभी पहलू तेजी से बदल रहे हैं, हमें सहज, सरल और सृजनात्मक बने रहने की दिशा में काम करना होगा।
सहज और सरल रहना, हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनाए रखता है। यह गुण न केवल हमारे भीतर संतुलन स्थापित करता है, बल्कि दूसरों के साथ हमारे संबंधों को भी सुदृढ़ करता है। 2025 में हमें उन आदतों और विचारों को अपनाने की जरूरत है, जो हमारे जीवन को सरल बनाएं, परेशानियों और चिंताओं से मुक्त रखें, अनावश्यक जटिलताओं से दूर रखें। सरलता का अर्थ केवल जीवनशैली में साधारण रहना मात्र नहीं है, बल्कि यह हमारी सोच और दृष्टिकोण को भी स्पष्ट और सकारात्मक बनाए रखने का मार्ग है।
देश के मान, सम्मान, विकास, समृद्धि और सुरक्षा के प्रति समर्पण हर भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी है और कर्तव्य भी है। यह समर्पण केवल शब्दों तक सीमित न रहकर कार्यों में परिलक्षित होना चाहिए। 2025 में,हर भारतीय को संकल्प लेना चाहिए कि वह अपने छोटे-बड़े कार्यों से देश के विकास में योगदान देगा।
देश को विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनने के लिए उस देश के समाज का उन्नत होना आवश्यक है और समाज की उन्नति में उसके प्रत्येक सदस्य का एक-दूसरे के प्रति तथा विभिन्न समाजों के मध्य सहयोगात्मक दृष्टिकोण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2025 में हमें इस सोच को गहराई से आत्मसात करना होगा कि अकेले बढ़ने की तुलना में साथ मिलकर बढ़ना अधिक प्रभावशाली है। हर व्यक्ति अपनी विशिष्टता और क्षमता के साथ समाज को कुछ दे सकता है। सहयोग के बिना किसी भी बड़ी सफलता की कल्पना करना कठिन है।
सृजनात्मकता, नवाचार और विकास का आधार है वास्तव में यह वह शक्ति है, जो हमारे विचारों और कार्यों में नयापन लाती है। फिर चाहे वह क्षेत्र कला, विज्ञान, शिक्षा, उद्योग या फिर कोई अन्य क्षेत्र हो, सृजनात्मकता के बिना प्रगति असंभव है। अतः 2025 में, हमें अपनी रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए अपने मन-मस्तिष्क में नए-नए विचारों और दृष्टिकोणों को विश्वास के साथ जगह देने होगी, उनका स्वागत करना होगा और जमीन पर उतारने के लिए मेहनत और लगन से ईमानदार प्रयत्न करने की आवश्यकता है। यदि रचनात्मकता हमारे समाज और देश को एक नई दिशा में ले जाने में सहायक हो तो इस अच्छा और कुछ हो ही नहीं सकता।
मेरा ऐसा मानना है कि वर्ष 2025 को देश के प्रत्येक नागरिक को केवल एक और साल के रूप में नहीं देखना चाहिए, अपितु इसे स्वयं में और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक नए संकल्प दिवस के रूप में ग्रहण करना चाहिए। सकारात्मक बदलाव न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामूहिक रूप से भी हमारे देश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा। आइए,हम सब भारतीय सहज और सरल रहते हुए देश के प्रति समर्पण, सहयोग और सृजनात्मकता के साथ वर्ष 2025 को एक अद्भुत और यादगार वर्ष बनाने का संकल्प लें।