सीबीएसई 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा में डीपीएस बोकारो के विद्यार्थियों का शानदार प्रदर्शन

 

बोकारो। सीबीएसई 10वीं की परीक्षा में दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) के विद्यार्थियों ने एक बार पुनः अपनी उत्कृष्टता का परिचय दिया। विद्यालय के तीन विद्यार्थी अरायना रॉय, दिव्य दर्शिल और रूही 97.60 प्रतिशत अंक लाकर संयुक्त रूप से पहले स्थान पर रहे। वैष्णवी 97.40 प्रतिशत अंक के साथ दूसरे, तो राशि मान्या 97.20 प्रतिशत अंक लाकर तीसरे स्थान पर रही। परीक्षा में 220 विद्यार्थी शामिल हुए थे और परिणाम शत-प्रतिशत रहा। सभी के सभी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। 114 विद्यार्थियों को 90 प्रतिशत व इससे ज्यादा तथा 187 को 80 प्रतिशत या इससे अधिक अंक मिले।

विद्यालय के सर्वश्रेष्ठ 10 परीक्षार्थियों में क्रमशः अरॉयना रॉय, दिव्य दर्शिल व रूही (97.60 प्रतिशत), वैष्णवी (97.40 प्रतिशत), राशि मान्या (97.20 प्रतिशत), आयुषी सिंह एवं सात्विक श्रीवास्तव (97 प्रतिशत), निर्वाण (96.80 प्रतिशत), अनुष्का आर्या एवं अदित्री प्रिया (96.60 प्रतिशत), प्रांशु बरनवाल (96.40 प्रतिशत), अक्षण्या सेजल, रिया कुमारी एवं हर्ष आनंंद (96.20 प्रतिशत), आरुष रंजन, अर्चित बंका, तन्मय आदित्य एवं शीर्ष क्रेजिया (96 प्रतिशत) तथा नभ्या शेखर एवं शशांक शर्मा (95.80 प्रतिशत) के नाम शामिल हैं।

विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार ने सभी सफल छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि यह बच्चों की मेहनत, विद्यालय के शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन और अभिभावकों के सहयोग का ही परिणाम है। उन्होंने सभी सफल छात्र-छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए आगे इसी प्रकार लगनशीलता व परिश्रम के साथ पढ़ाई करने का संदेश दिया। कहा कि अपने लक्ष्य के प्रति केंद्रित होकर पूरी इच्छाशक्ति के साथ पढ़ाई करेंगे, तो कामयाबी जरूर मिलेगी।

दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), बोकारो के विद्यार्थियों ने इस वर्ष भी सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हुए अपनी कामयाबी का डंका बजाया है। विद्यालय की कॉमर्स संकाय की छात्रा बारुनी अग्रवाल ने सर्वाधिक 97.80 प्रतिशत लाकर टॉपर होने का गौरव पाया। वहीं, दूसरे स्थान पर साइंस टॉपर अंकिता साक्षी रही, जिसे 97.20 प्रतिशत अंक मिले। इस वर्ष साइंस एवं कॉमर्स संकायों की परीक्षा में कुल 484 विद्यार्थी शामिल हुए थे और सभी के सभी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण रहे। 88 विद्यार्थियों को 90 प्रतिशत व अधिक तथा 338 को 80 प्रतिशत व इससे ज्यादा अंक मिले।

अपने विद्यालय के छात्र-छात्राओं की इस उत्कृष्ट सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने विद्यार्थियों को अपने हाथों से मिठाई खिलाकर बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. गंगवार ने विद्यार्थियों की उपलब्धियों का श्रेय विद्यालय परिवार द्वारा टीम वर्क के रूप में की गई मेहनत व अभिभावकों की जागरुकता एवं सहयोग को दिया है।

घोषित परिणाम के अनुसार, विज्ञान संकाय के टॉप टेन में शामिल विद्यार्थियों में अंकिता साक्षी (97.20 प्रतिशत) पहले, बंदिता माहथा व मनीष कुमार (96.40 प्रतिशत) दूसरे,अभिनीत शरण (95.80 प्रतिशत) तीसरे, श्रेष्ठा रूपम द्विवेदी एवं तान्या पांडेय (95.60 प्रतिशत) चौथे, निश्चय मेहता एवं कनिष्ठ शर्मा (95.40 प्रतिशत) पांचवें, अनुपम शर्मा (95.20 प्रतिशत) छठे, उत्कर्ष राज एवं पलक्ष सिंह (95 प्रतिशत) सातवें, अनूप झा (94.80 प्रतिशत) आठवें, सुरभि प्रिया एवं करुणाकर देव (94.40 प्रतिशत) नौवें तथा ऋषिमा तिवारी, समृद्धि सृजन एवं सिद्धांत शर्मा (94.20 प्रतिशत) दसवें स्थान पर रहे। वहीं, कॉमर्स संकाय के सर्वश्रेष्ठ पांच विद्यार्थियों में क्रमशः बारुनी अग्रवाल (97.80 प्रतिशत), जशी कुमारी (95.80 प्रतिशत), हर्षिता सिंह (95.60 प्रतिशत), अभिनव सिसोदिया (95.40 प्रतिशत) एवं मयंक अग्रवाल (94.80 प्रतिशत) के नाम शामिल हैं।

 

पिता की तरह एक सफल व्यवसायी बनना चाहती है बारुनी
सीबीएसई 12वीं बोर्ड के कॉमर्स संकाय में सर्वाधिक 97.80 प्रतिशत अंक लाकर टॉपर रही डीपीएस बोकारो की मेधावी छात्रा बारुनी अग्रवाल अपने पिता अनिल कुमार अग्रवाल की तरह एक सफल व्यवसायी बनना चाहती है। उसकी माता मीनू अग्रवाल एक गृहिणी हैं। बारुनी ने एक बातचीत में अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता तथा अपने विद्यालय परिवार के समस्त शिक्षकों के सहयोग को दिया है। उसने कहा कि वह रोजाना तकरीबन सात घंटे पढ़ाई किया करती थी। तब जाकर उसे यह कामयाबी मिल सकी। उसे विषयवार गणित में एकाउंटेंसी में 100, अंग्रेजी में 99, बी.एसटी में 96, इकोनॉमिक्स में 99, गणित में 88 और पेंटिंग में 100 अंक मिले हैं। उसे पढ़ाई के साथ-साथ नृत्य में अच्छी रुचि है।

 

आईएएस अफसर बनना चाहता है दिव्य दर्शिल
सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 97.6 प्रतिशत अंक लाकर टॉपर रहे डीपीएस बोकारो के मेधावी छात्र दिव्य दर्शिल की तमन्ना आगे चलकर एक आईएएस अफसर बनने की है। उसने कहा कि एक प्रशासनिक अधिकारी बनकर वह समाज व देश की समस्याओं का त्वरित समाधान करना चाहता है। बेतिया (बिहार) में पदस्थापित सेलकर्मी ओमप्रकाश तिवारी एवं गृहिणी ममता तिवारी के पुत्र दिव्य को विषयवार संस्कृत में 99, विज्ञान में 99, एआई में 97, गणित में 92, एसएसटी में 98 और अंग्रेजी में 95 अंक मिले हैं। वह रोजाना लगभग पांच घंटे पूरी तन्मयता के साथ पढ़ाई किया करता था। वह अपने पिता को ही अपना प्रेरणास्रोत मानता है। पढ़ाई के अलावा उसे क्रिकेट खेलने का काफी शौक है। अपनी सफलता का श्रेय दिव्य ने अपने माता-पिता तथा विद्यालय के शिक्षकों के मार्गदर्शन व सहयोग को दिया है।

 

रोजाना सात घंटे पढ़ती थी रूही, बनना चाहती है डॉक्टर
सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा में 97.6 प्रतिशत अंक लाकर स्कूल में टॉपर रही एक अन्य विद्यार्थी रूही ने इस सफलता के लिए काफी मेहनत की। उसने बताया कि वह रोजाना लगभग सात घंटे पढ़ाई किया करती थी। विषयवार उसे संस्कृत में 100, अंग्रेजी में 97, एसएसटी में 98, साइंस में 99, एआई में 94 और गणित में 88 अंक मिले हैं। वह आगे चलकर मानवता की सेवा के लिए एक डॉक्टर बनना चाहती है। व्यवसायी सुबोध कुमार एवं शिक्षिका श्रीमती मीनाक्षी की होनहार सुपुत्री रूही को पढ़ाई के साथ-साथ गायन, पेंटिंग और किताबें पढ़ने का काफी शौक है। नाकामी से हताश हो जाने वालों को अपने संदेश में उसने कहा कि परीक्षाएं जीवन का अंत नहीं होतीं। हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास हमेशा ही जारी रखना चाहिए। विद्यालय के शिक्षकों एवं अपने माता-पिता के सहयोग को उसने अपनी सफलता का श्रेय दिया है।

 

अरायना ने कठिन परिश्रम और निरंतरता को बनाया सफलता का सूत्र
सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 97.6 प्रतिशत अंक के साथ टॉपर रहीं एक अन्य छात्रा अरायना ने अपनी सफलता का सूत्र कठिन परिश्रम और निरंतरता को बताया है। एक बातचीत में उसने कहा कि सतत परिश्रम से ही सफलता मिल सकती है। बोकारो स्टील प्लांट के एजीएम राजेश कुुमार रॉय एवं गृहिणी उर्मिला रॉय की पुत्री अरायना ने कहा कि वह रोजाना लगभग छह से सात घंटे पढ़ाई किया करती थी। उसे विषयवार अंग्रेजी में 96, संस्कृत में 100, गणित में 94, साइंस में 97, एसएसटी में 98 और एआई में 97 अंक प्राप्त किए हैं। उसने अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी मेहनत के साथ-साथ विद्यालय के शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन और माता-पिता का हर कदम पर मिलने वाले सहयोग को दिया है। आगे चलकर वह कंप्यूटर साइंस की इंजीनियर और उसके बाद एक सफल व्यवसायी बनना चाहती है। उसे पढ़ाई के अलावा कला-शिल्प में विशेष रुचि है।

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