News Desk: F-16 फाइटर जेट्स बनाने वाली अमेरिकी डिफेंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन के शेयरों ने मई महीने में कोई खास प्रदर्शन नहीं किया। पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्तेमाल किए गए F-16 फाइटर जेट्स के नाकाम रहने के बाद कंपनी के शेयर लगभग स्थिर रहे और महीने के अंत में सिर्फ 0.97% की मामूली बढ़त के साथ $482.38 पर बंद हुए।
7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जो कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (जिसमें 26 आम नागरिक मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था) के जवाब में किया गया था। इस चार दिन के सैन्य संघर्ष में पाकिस्तान ने F-16 और चीन के J-10 लड़ाकू विमान, ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया, लेकिन भारत की मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया।
प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अविनाश गोरेक्षकर ने कहा, “F-16 और J-10 जैसे हाईटेक फाइटर जेट इस्तेमाल करने के बावजूद पाकिस्तान भारत की सुरक्षा को भेद नहीं सका। इससे अमेरिका और चीन, दोनों की डिफेंस टेक्नोलॉजी की साख पर सवाल खड़े हो सकते हैं।”
भारतीय एयरफोर्स के एयर मार्शल भारती ने जानकारी दी कि पाकिस्तान ने इस हमले में चीन की बनी PL-15 मिसाइलें भी चलाई थीं, जो अपने टारगेट तक नहीं पहुंच सकीं। उन्होंने मीडिया को उन मिसाइलों के टुकड़े भी दिखाए जो भारतीय सेना ने बरामद किए।
इस सैन्य विफलता का असर चीन की डिफेंस कंपनियों पर भी पड़ा। ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन की रक्षा कंपनियों के शेयरों में करीब 9% तक की गिरावट आई।
गौरतलब है कि 2019 से 2023 के बीच पाकिस्तान के कुल हथियारों के आयात का 81% हिस्सा चीन से आया, जिसकी कुल कीमत करीब $5.28 बिलियन थी। चीन और पाकिस्तान के बीच CPEC (चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) जैसे प्रोजेक्ट के तहत रक्षा सहयोग भी लगातार बढ़ा है, लेकिन इस ऑपरेशन के बाद उस पर भी सवाल उठने लगे हैं।
कुल मिलाकर, ऑपरेशन सिंदूर ने सिर्फ पाकिस्तान के सैन्य मंसूबों को ही नहीं रोका, बल्कि चीन और अमेरिका जैसे हथियार आपूर्तिकर्ताओं की विश्वसनीयता पर भी असर डाला है। इसका असर अब सीधे शेयर बाजार में भी देखा जा रहा है।
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