News Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। वजह बनी है पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की भड़काऊ टिप्पणी, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर में चल रहे आतंकवाद को “वैध संघर्ष” बताया और पाकिस्तान की तरफ से इसे “राजनीतिक, कूटनीतिक और नैतिक समर्थन” देने की बात दोहराई। रावलपिंडी और कराची में हालिया कार्यक्रमों में दिए गए उनके बयानों पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और पाकिस्तान को “आतंकवाद का वैश्विक केंद्र” करार दिया है।
मुनीर ने कहा, “कश्मीर हमारी गर्दन की नस (जुगुलर वेन) है,” इसे हम कभी नहीं भूलेंगे। भारत जिसे आतंकवाद कहता है, वह दरअसल एक “वैध संघर्ष” है जो संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।
कराची स्थित पाकिस्तान नेवल अकादमी में एक अन्य भाषण में उन्होंने भारत पर क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया, खासकर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें दो दर्जन से अधिक भारतीय पर्यटक मारे गए थे। उन्होंने भारत पर “उकसावे वाली आक्रामकता” और “जानबूझकर टकराव पैदा करने” का आरोप लगाया, लेकिन इसके पक्ष में कोई सबूत नहीं दिया।
Pakistan Failed Marshal Asim Munir once again rants & pokes India, reaffirms his support for the continued terrorism against India in Jammu and Kashmir.
Also vowed continued political, moral, & diplomatic backing for proxy insurgency.#PakistanIsATerrorState #AsimMunir #Pakistan pic.twitter.com/6zHSA6gk8o
— TIger NS (@TIgerNS3) June 29, 2025
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान क्षेत्रीय स्थिरता का वाहक है। हमने हर उकसावे का जवाब संयम और परिपक्वता से दिया है।”
भारत ने कहा – खोखली बातें, पाकिस्तान खुद आतंक का संरक्षक
भारत ने मुनीर के बयानों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें “खोखली बातें” कहा और पाकिस्तान को “सीमा पार आतंकवाद का पालक” करार दिया। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियां ही भारत में हमलों की साजिश रचती हैं — चाहे वह 2008 का मुंबई हमला हो या हालिया पहलगाम नरसंहार।
मुनीर के “जुगुलर वेन” बयान के कुछ ही दिनों बाद, पाक समर्थित आतंकियों ने पहलगाम में हमला किया। इसके जवाब में भारत ने निर्णायक कदम उठाए — सिंधु जल संधि की कुछ अहम धाराएं निलंबित कर दीं और ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद चार दिनों तक जबरदस्त सीमा-पार संघर्ष चला, जिसमें भारत ने पाकिस्तानी एयरबेस पर हमला किया और ड्रोन व मिसाइल खतरों को नाकाम किया।
2016 के उरी हमले और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारत की रणनीति स्पष्ट है — हर आतंकी हमले का जवाब ताकत से दिया जाएगा। नई दिल्ली अब पाकिस्तान को लागत चुकाने पर मजबूर कर रही है।
पाकिस्तान में खुद अशांति, फिर भी कश्मीर राग
विश्लेषकों का कहना है कि मुनीर कश्मीर मुद्दा उछालकर देश के भीतर समर्थन जुटाना चाहते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि पाकिस्तान खुद बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और पीओके में विद्रोह और दमन से जूझ रहा है।
जानकारों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान की “इनकार की राजनीति” और “परदे के पीछे से छेड़ा गया युद्ध” दक्षिण एशिया को लंबे समय तक अस्थिर कर सकता है, अगर अंतरराष्ट्रीय मंचों ने पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराया।