मां मनसा देवी मंदिर में भगदड़, 6 की मौत, दर्जनों घायल

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हरिद्वार : श्रावण मास की भारी भीड़ के दौरान रविवार सुबह हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में मची भगदड़ में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि दर्जनों घायल हो गए। हादसा उस वक्त हुआ जब मंदिर की संकरी सीढ़ियों पर अचानक अफरातफरी मच गई।

गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि हादसा सुबह करीब 9 बजे हुआ, जब भारी भीड़ के बीच बिजली के करंट की अफवाह फैल गई। इससे घबराई भीड़ में भगदड़ मच गई, और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ने लगे।

“अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और कई गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। शुरुआती जांच में ये हादसा अफवाह की वजह से हुआ लगता है, पूरी जांच की जा रही है,” पांडे ने कहा।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ के दौरान एक दीवार भी टूट गई, जिससे हालात और बिगड़ गए। “लोग चिल्लाने लगे, धक्का-मुक्की शुरू हो गई। कई लोग गिर पड़े और उन्हें रौंद दिया गया। यह बहुत डरावना था,” एक श्रद्धालु ने बताया।

घायलों को तुरंत हरिद्वार के नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों को देहरादून और ऋषिकेश के बड़े अस्पतालों में रेफर किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर दुख जताया और तत्काल राहत व बचाव कार्यों के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “SDRF, पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद हैं और राहत कार्य जारी है। मैं खुद स्थिति पर नजर रखे हुए हूं।”

बिल्वा पर्वत पर स्थित मनसा देवी मंदिर श्रावण मास में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होता है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के बावजूद, प्रशासन भीड़ को संभालने में नाकाम रहा।

यह हादसा धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन की गंभीर खामियों को फिर से उजागर करता है, खासकर तीर्थ सीजन में जब भीड़ चरम पर होती है। प्रशासन ने घटना की विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है और एक जांच समिति गठित करने की संभावना है।

राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की अनुग्रह राशि और घायलों को नि:शुल्क इलाज देने की घोषणा की है।

श्रावण और कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में अभी भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने, अफवाहों पर ध्यान न देने और आधिकारिक निर्देशों का पालन करने की अपील की है।

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