ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया
नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% आयात शुल्क लगाने के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।
दिल्ली में एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा,
“भारत अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मुझे पता है कि इसके लिए मुझे व्यक्तिगत तौर पर भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं तैयार हूं।”
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi says, “For us, the interest of our farmers is our top priority. India will never compromise on the interests of farmers, fishermen and dairy farmers. I know personally, I will have to pay a heavy price for it, but I am ready for it.… pic.twitter.com/W7ZO2Zy6EE
— ANI (@ANI) August 7, 2025
यह बयान ट्रंप के उस आरोप के कुछ ही घंटे बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत रूस से सस्ते तेल खरीदकर उसे मुनाफे में बेच रहा है और पश्चिमी देशों की स्थिति को कमजोर कर रहा है। ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश में भारत से आने वाले सामान पर 50% एड वेलोरम टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी।
विदेश मंत्रालय का पलटवार – ‘अनुचित, अन्यायपूर्ण और पक्षपाती फैसला’
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस फैसले को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे “अनुचित, अन्यायपूर्ण और पूरी तरह से पक्षपाती” करार दिया। मंत्रालय ने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।
MEA ने अमेरिका और यूरोपीय संघ पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि खुद ये देश अब भी रूस से व्यापार कर रहे हैं, जबकि भारत को निशाना बनाया जा रहा है।
विदेश मंत्रालय ने कहा,
“भारत ने रूस से तेल खरीद तब शुरू की जब पारंपरिक आपूर्तियाँ यूरोप को भेज दी गई थीं। उस समय अमेरिका ने खुद भारत को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया था ताकि वैश्विक ऊर्जा बाजार स्थिर रह सके।”
भारत का सवाल – अगर ज़रूरत नहीं है, तो आप रूस से क्यों खरीद रहे हैं?
MEA ने डेटा के साथ अपनी बात रखी:
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2024 में EU ने रूस से €67.5 बिलियन का सामान और 2023 में €17.2 बिलियन की सेवाएं खरीदीं।
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यूरोपीय संघ ने 2024 में रूस से 16.5 मिलियन टन LNG आयात किया।
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अमेरिका आज भी रूस से यूरेनियम, पल्लेडियम और खाद-रसायन खरीदता है।
मंत्रालय ने कहा,
“अगर भारत पर निर्भरता ज़रूरत की वजह से है, तो पश्चिम के लिए यह सिर्फ मुनाफा कमाने का ज़रिया है। ऐसे में भारत को निशाना बनाना पूरी तरह अनुचित है।”
ट्रंप ने दिया टालमटोल जवाब – “मुझे नहीं पता, जांच करनी पड़ेगी”
जब पत्रकारों ने ट्रंप से पूछा कि भारत का आरोप है कि अमेरिका और EU खुद भी रूस से व्यापार कर रहे हैं, तो ट्रंप ने कहा,
“मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता। मुझे जांच करनी पड़ेगी।”
#WATCH | Responding to ANI’s question on US imports of Russian Uranium, chemical fertilisers while criticising their (Indian) energy imports’, US President Donald Trump says, “I don’t know anything about it. I have to check…”
(Source: US Network Pool via Reuters) pic.twitter.com/OOejcaGz2t
— ANI (@ANI) August 5, 2025
लेकिन इसके बाद भी उन्होंने भारत पर आरोप दोहराए और कहा कि वह टैरिफ और बढ़ा सकते हैं।
ट्रंप ने पाकिस्तान के लिए टैरिफ घटाकर 19% करने और नया ट्रेड डील शुरू करने का भी ऐलान किया है, जिसमें पाकिस्तान को तेल भंडार विकसित करने में मदद शामिल है — इस कदम को भारत विरोधी राजनीतिक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
भारत का दो टूक संदेश – हम किसी को खुश करने के लिए नहीं हैं
प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों ने साफ कर दिया कि भारत पीछे हटने वाला नहीं है।
“मेरे देश के मछुआरों, पशुपालकों और किसानों के लिए — भारत तैयार है,” मोदी ने कहा।
“हम किसानों की आमदनी बढ़ाने और रोजगार के नए रास्ते खोलने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।”
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने The Researchers को बताया,
“भारत किसी को खुश करने के लिए नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों की गरिमा, आजीविका और ऊर्जा सुरक्षा के लिए फैसले लेता है।”
ट्रंप की धमकियों और पश्चिमी दबाव के बीच भारत का रुख अब साफ है:
“भारत तैयार है — और झुकेगा नहीं।”