अलास्का में ट्रंप–पुतिन वार्ता बेनतीजा

“प्रिय पड़ोसी” से “अगली मुलाक़ात मॉस्को में” – पुतिन के 5 बड़े संदेश

एंकोरेज (अलास्का) — शुक्रवार रात अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हाई-प्रोफाइल मुलाक़ात बिना किसी यूक्रेन युद्धविराम समझौते के खत्म हो गई, लेकिन सारा तमाशा पुतिन के पक्ष में चला गया।

जॉइंट बेस एलमेंडॉर्फ–रिचर्डसन पर ढाई घंटे की बातचीत के बाद दोनों नेता मंच पर आए, दो–चार मिनट बोले और एक भी सवाल नहीं लिया। प्रेस कांफ्रेंस में पहले बोलने का मौका पुतिन को मिला — जबकि मेज़बान देश के नेता को परंपरा के मुताबिक पहले बोलना चाहिए। विश्लेषकों का कहना है, मैदान में भले ही पुतिन को कुछ न मिला हो, लेकिन कैमरे और सुर्ख़ियाँ उन्होंने लूट लीं।

पुतिन के भाषण के 5 बड़े संदेश

  1. “प्रिय पड़ोसी” – अलास्का का कनेक्शन: पुतिन ने शुरुआत में कहा कि रूस और अमेरिका सिर्फ बेरिंग जलडमरूमध्य के कुछ मील के फासले पर हैं और 1867 में अलास्का को अमेरिका को बेचे जाने का इतिहास भी जोड़ा।

  2. “चलो पन्ना पलटें” – अलगाव ख़त्म करने की अपील: उन्होंने कहा कि दोनों देशों को पुरानी दुश्मनी भूलकर फिर से सहयोग बहाल करना चाहिए, सिर्फ़ यूक्रेन युद्ध पर बात करने के बजाय बड़े रिश्तों पर ध्यान देना चाहिए।

  3. ट्रंप की तारीफ़ – राष्ट्रीय हितों का सम्मान: पुतिन ने कहा कि ट्रंप “स्पष्ट सोच” रखते हैं, अपने देश की तरक्की चाहते हैं और यह भी समझते हैं कि रूस के भी अपने राष्ट्रीय हित हैं।

  4. शांति की शर्तें – यूरोप को चेतावनी: पुतिन ने दोहराया कि किसी भी शांति समझौते के लिए “संघर्ष की जड़ें” दूर करनी होंगी और रूस की सुरक्षा चिंताओं का समाधान करना होगा। उन्होंने कीव और यूरोपीय देशों को उकसावे से बचने की नसीहत दी।

  5. “अगली बार मॉस्को में” – संदेश और मंशा: प्रेस कांफ्रेंस के अंत में पुतिन ने अंग्रेजी में कहा, “Next time in Moscow”। यह निमंत्रण ट्रंप के लिए राजनीतिक विवाद खड़ा कर सकता है और यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के लिए लगभग नामुमकिन यात्रा होगी।

ट्रंप का बयान

ट्रंप ने मुलाक़ात को “उपजाऊ” बताया, लेकिन साफ़ कहा — “डील तभी होगी जब सब मानेंगे।” उन्होंने वादा किया कि आगे बढ़ने से पहले वह नाटो और ज़ेलेंस्की से सलाह लेंगे।

कोई ठोस समझौता न होने के बावजूद, अलास्का शिखर वार्ता ने पुतिन को पश्चिमी मीडिया पर एक बार फिर बड़ा मंच दे दिया। अब सवाल है कि क्या अगली मुलाक़ात वाकई मॉस्को में होगी — और अगर होगी, तो वहां क्या पन्ना पलटेगा?

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