News Desk: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से कहा है कि अब रूस के साथ सीधा शांति समझौता करना चाहिए, न कि सिर्फ़ युद्धविराम। ट्रंप ने साफ़ शब्दों में कहा – “रूस एक बहुत बड़ी ताकत है… और वो (यूक्रेन) नहीं।”
ट्रंप का यह बयान अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ पहली मुलाक़ात के बाद आया। सूत्रों के मुताबिक पुतिन ने मौजूदा मोर्चों को ‘फ्रीज़’ करने की पेशकश की, लेकिन शर्त रखी कि यूक्रेन पूरा डोनेट्स्क क्षेत्र रूस को दे दे। ज़ेलेंस्की ने यह मांग तुरंत खारिज कर दी।
रूस पहले से ही यूक्रेन के लगभग 20% हिस्से पर कब्ज़ा किए हुए है, जिसमें डोनेट्स्क का तीन-चौथाई हिस्सा शामिल है। अब तक अमेरिका और यूरोपीय देश शांति वार्ता से पहले युद्धविराम का समर्थन करते थे, लेकिन ट्रंप ने पुतिन के साथ मिलकर यह रुख़ बदल दिया है।
क्रेमलिन ने इस बदलाव का स्वागत किया है। पुतिन ने कहा – “उम्मीद है कि यह समझ हमें शांति की ओर ले जाएगी।” अलास्का बैठक पुतिन के लिए भी अहम रही क्योंकि 2022 के हमले के बाद से पश्चिमी नेताओं ने उन्हें अलग-थलग कर रखा था।
ट्रंप सोमवार को वॉशिंगटन में ज़ेलेंस्की से मुलाक़ात करेंगे और फिर संभव है कि पुतिन के साथ दूसरी बैठक तय हो। दूसरी ओर, ज़ेलेंस्की साफ़ कह चुके हैं कि यूक्रेन का संविधान किसी भी अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त भूमि को छोड़ने की इजाज़त नहीं देता।
यूक्रेन सुरक्षा गारंटी भी मांग रहा है ताकि भविष्य में रूस दोबारा हमला न कर सके। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इसे नाटो के आर्टिकल 5 जैसी सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था से जोड़कर देखा है।
यानी, ट्रंप का “सीधे समझौते” वाला फॉर्मूला अब इस युद्ध में नया मोड़ ला सकता है — लेकिन क्या यूक्रेन इसके लिए तैयार होगा, यह आने वाले दिनों में तय होगा।