BAS-01 करीब 10 टन का होगा और इसे धरती से लगभग 450 किलोमीटर ऊपर लो अर्थ ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा
नई दिल्ली: भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक और बड़ा कदम बढ़ा दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (Bharatiya Antariksh Station – BAS) का मॉडल अनावरण किया। यह ऐलान राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर किया गया।
इसरो की योजना है कि 2028 तक इसका पहला मॉड्यूल अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसके साथ ही भारत, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा देश बन जाएगा जिसका अपना स्वतंत्र अंतरिक्ष स्टेशन होगा। लक्ष्य है कि 2035 तक पांच मॉड्यूल जोड़कर पूरा स्टेशन तैयार किया जाए, जिससे भारत अंतरिक्ष महाशक्तियों की कतार में मजबूती से खड़ा हो सके।
📸 Experience the true size of the Bharatiya Antariksh Station!
The first-ever 1:1 scale model of the 1st module of BAS is now on display at the Bharat Mandapam in New Delhi! 🔥
This is exactly how big the actual module is going to be! On the bottom picture, you can compare its… pic.twitter.com/8bXoVCgURm
— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) August 22, 2025
पहला मॉड्यूल BAS-01 करीब 10 टन का होगा और इसे धरती से लगभग 450 किलोमीटर ऊपर लो अर्थ ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। इसमें कई अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी—
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देश में विकसित पर्यावरण नियंत्रण और जीवन सहायक प्रणाली (ECLSS)
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भारत डॉकिंग और बर्थिंग सिस्टम
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स्वचालित हैच सिस्टम
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माइक्रोग्रैविटी में रिसर्च और तकनीक परीक्षण की सुविधाएं
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वैज्ञानिक इमेजिंग और अंतरिक्ष यात्रियों के मनोरंजन के लिए विशेष खिड़कियां (viewports)
इसके अलावा इसमें फ्यूल रीफिलिंग, स्पेससूट, एयरलॉक से स्पेसवॉक, विकिरण और मलबे से सुरक्षा, तथा ‘प्लग एंड प्ले’ तकनीक वाली एकीकृत प्रणाली भी होगी।
इसरो का कहना है कि यह अंतरिक्ष स्टेशन न केवल अंतरिक्ष विज्ञान और जीवन विज्ञान बल्कि चिकित्सा अनुसंधान और भविष्य के ग्रहों की खोज के लिए भी बड़ा प्लेटफॉर्म बनेगा।