टोक्यो/नई दिल्ली: भारत और जापान मिलकर अब चाँद की गहराइयों के राज़ खोलेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को टोक्यो में ऐलान किया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA मिलकर ऐतिहासिक चंद्रयान-5 (LUPEX मिशन) को अंजाम देंगे।
मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ साझा प्रेस वार्ता में कहा –
“हम ISRO और JAXA के बीच हुए इस समझौते का स्वागत करते हैं। हमारी साझेदारी धरती की सीमाओं से आगे, अंतरिक्ष में मानवता की नई उड़ान का प्रतीक बनेगी।”
VIDEO | Addressing the joint press meet with Japanese PM Shigeru Ishiba, PM Narendra Modi says, “I would like to welcome the partnership between ISRO and JAXA for the assistance in Chandrayaan-5 mission. Our active participation will mark the progress of humanity beyond the… pic.twitter.com/eHI2K8y5RN
— Press Trust of India (@PTI_News) August 29, 2025
क्यों खास है चंद्रयान-5?
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इस साल मार्च में भारत सरकार से मिली मंज़ूरी के बाद चंद्रयान-5/ LUPEX मिशन की तैयारी तेज़ हो गई है।
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इस मिशन का मकसद चाँद के दक्षिणी ध्रुव के स्थायी अंधेरे वाले क्षेत्रों (Permanently Shadowed Regions) में पानी और अन्य बर्फीले तत्वों की खोज करना है।
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JAXA अपने H3-24L रॉकेट से मिशन को लॉन्च करेगा। इसमें ISRO का बनाया लैंडर और जापान का हाई-टेक रोवर जाएगा।
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इस मिशन में ISRO और JAXA के साथ NASA और यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) भी वैज्ञानिक उपकरण भेजेंगे।
Partnering for the Moon Mission
The ISRO–JAXA partnership on the Chandrayaan-5 Lunar Polar Mission sets new milestones in space collaboration.#PMModiInJapan pic.twitter.com/35ql1J2BCQ
— MyGovIndia (@mygovindia) August 30, 2025
चाँद पर बसी है भविष्य की उम्मीद
ISRO के वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद जमी हुई बर्फ भविष्य में इंसानों की चाँद पर बस्ती और गहरे अंतरिक्ष अभियानों के लिए ईंधन व जीवन-रक्षा का बड़ा स्रोत बन सकती है।
चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद अब चंद्रयान-5 भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षा को नई ऊँचाई देने जा रहा है—और इसमें जापान की साझेदारी इसे और भी मज़बूत बना देगी।