ISRO और JAXA मिलकर भेजेंगे चंद्रयान-5, चाँद के दक्षिण ध्रुव पर होगी ऐतिहासिक खोज

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टोक्यो/नई दिल्ली: भारत और जापान मिलकर अब चाँद की गहराइयों के राज़ खोलेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को टोक्यो में ऐलान किया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA मिलकर ऐतिहासिक चंद्रयान-5 (LUPEX मिशन) को अंजाम देंगे।

मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ साझा प्रेस वार्ता में कहा –
“हम ISRO और JAXA के बीच हुए इस समझौते का स्वागत करते हैं। हमारी साझेदारी धरती की सीमाओं से आगे, अंतरिक्ष में मानवता की नई उड़ान का प्रतीक बनेगी।”

क्यों खास है चंद्रयान-5?

  • इस साल मार्च में भारत सरकार से मिली मंज़ूरी के बाद चंद्रयान-5/ LUPEX मिशन की तैयारी तेज़ हो गई है।

  • इस मिशन का मकसद चाँद के दक्षिणी ध्रुव के स्थायी अंधेरे वाले क्षेत्रों (Permanently Shadowed Regions) में पानी और अन्य बर्फीले तत्वों की खोज करना है।

  • JAXA अपने H3-24L रॉकेट से मिशन को लॉन्च करेगा। इसमें ISRO का बनाया लैंडर और जापान का हाई-टेक रोवर जाएगा।

  • इस मिशन में ISRO और JAXA के साथ NASA और यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) भी वैज्ञानिक उपकरण भेजेंगे।

 चाँद पर बसी है भविष्य की उम्मीद

ISRO के वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद जमी हुई बर्फ भविष्य में इंसानों की चाँद पर बस्ती और गहरे अंतरिक्ष अभियानों के लिए ईंधन व जीवन-रक्षा का बड़ा स्रोत बन सकती है।

चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद अब चंद्रयान-5 भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षा को नई ऊँचाई देने जा रहा है—और इसमें जापान की साझेदारी इसे और भी मज़बूत बना देगी।

Ashis Sinha

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