तियानजिन: SCO (शंघाई सहयोग संगठन) का 25वां शिखर सम्मेलन रविवार रात चीन के तियानजिन शहर में भव्य भोज के साथ शुरू हुआ। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी पत्नी पेंग लीयुआन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत दुनिया के कई नेताओं का स्वागत किया।
यह SCO का अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन है। इसमें 10 सदस्य देशों के प्रमुखों के अलावा 20 विदेशी नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी मौजूद हैं।
SCO Summit 2025 underway in Tianjin! Leaders from 9 nations unite amid US tariffs, boosting multipolarity.
Talks on trade, security & tech could reshape global alliances. A new world order takes shape! #SCOSummit #Multipolarity #Geopolitics— Rukumis (@RukumisG) August 31, 2025
सोमवार को औपचारिक बैठक होगी, जिसमें सभी नेता भाषण देंगे और अगले दस वर्षों के लिए संगठन की विकास रणनीति को मंजूरी देंगे। प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन खासतौर पर चर्चा में रहेगा क्योंकि यह ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ युद्ध छेड़ा है और उन्होंने शनिवार को शी जिनपिंग से अहम मुलाकात की थी।
अपने स्वागत भाषण में शी जिनपिंग ने कहा कि बदलती दुनिया में SCO की ज़िम्मेदारियाँ और बढ़ गई हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि सभी देशों के सहयोग से यह सम्मेलन पूरी तरह सफल होगा और संगठन वैश्विक दक्षिण (Global South) की ताकत को एकजुट कर और बड़ी भूमिका निभाएगा।
साल 2001 में शंघाई में बने इस संगठन की शुरुआत छह देशों से हुई थी। आज यह 10 सदस्य देशों, दो प्रेक्षकों और 14 संवाद साझेदारों के साथ 26 देशों का मंच बन चुका है। इसमें चीन, भारत और रूस जैसे बड़े देश शामिल हैं, जो दुनिया की आधी आबादी और करीब एक चौथाई वैश्विक अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं।
तियानजिन शहर को इस सम्मेलन के लिए पूरी तरह सुरक्षित बना दिया गया है। शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और स्थानीय लोगों को घरों में रहने या अस्थायी रूप से बाहर जाने की सलाह दी गई। सम्मेलन को कवर करने के लिए 3,000 से ज्यादा पत्रकार यहाँ पहुंचे हैं।
औपचारिक बैठक से पहले शी जिनपिंग ने कई द्विपक्षीय मुलाकातें भी कीं, जिनमें प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक भी शामिल है। उन्होंने कहा कि तियानजिन चीन के सुधार और नवाचार का प्रतीक है और यहाँ सम्मेलन आयोजित करना SCO के भविष्य में नई ऊर्जा डालेगा।
यह शिखर सम्मेलन संगठन के इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन माना जा रहा है और आने वाले दशक की दिशा तय करेगा।