Bokaro की मानवी सिंह बैंकाक, Thailand में बिखेरेंगी सुरों का जलवा

Bokaro की मानवी सिंह बैंकाक, Thailand में बिखेरेंगी सुरों का जलवा
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मानवी को नवरात्रि उत्सव में गायन प्रस्तुत करने के लिए मिला है आमंत्रण

अरुण पाठक

बोकारो की लोकप्रिय गायिका मानवी सिंह नवरात्रि उत्सव में बैंकाक, थाईलैंड में सुरों का जलवा बिखेरेंगी। मानवी के संघर्ष, मेहनत और जुनून का परिणाम है यह उपलब्धि। संगीत के प्रति मानवी की दीवानगी प्रशंसनीय है। झारखंड व बिहार में स्टेज शो के जरिए अपनी गायकी से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाली मानवी सिंह अब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुति देने जा रही हैं।

हिंदू धर्म सभा विष्णु मंदिर के तत्वावधान में, बैंकाक, थाइलैंड में 22 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक आयोजित हो रहे शारदीय नवरात्रि उत्सव में प्रस्तुति देने जा रहीं मानवी सिंह झारखंड की धरती पर जन्मी और पली-बढ़ी हैं। भक्ति, लोकगीत व फिल्मी गीतों की वह एक कुशल गायिका हैं। मानवी सिंह बोकारो के सरस्वती शिशु मंदिर में कुछ समय तक शिक्षिका के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं। संगीत को अधिक समय देने के लिए ही उन्होंने अध्यापन कार्य को छोड़ दिया।

मानवी सिंह ने अपने गायन करियर की शुरुआत कुछ ही साल पहले की थी। कार्यक्रमों की लाइन से जुड़ने के बाद उन्होंने जिस तेजी से लोकप्रियता हासिल की, वह उनके संघर्ष, मेहनत और जुनून का परिणाम है। जहां बड़े कलाकारों को शो और पहचान के लिए वर्षों का समय लग जाता है, वहीं मानवी सिंह ने अपनी गायिकी से बेहद कम वक्त में दर्शकों के दिलों को छू लिया।

मानवी सिंह की खासियत यह है कि वे अब तक किसी बड़े स्टार टैग या शो-ऑफ के सहारे नहीं बढ़ीं। उनकी गायिकी का जादू ही ऐसा है कि लोग उनसे खींचे चले आते हैं। बिना किसी बाहरी समर्थन या भारी-भरकम पहचान के बावजूद उन्होंने अपनी कला से लोगों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी है। आज उनकी गायिकी केवल झारखंड तक सीमित नहीं रही बल्कि देश और विदेश तक अपनी पहुंच बना रही है।

मानवी सिंह का मानना है कि कला सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि एक माध्यम है संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने का। नवरात्रि पर थाईलैंड में होने वाला उनका कार्यक्रम इस बात का जीता-जागता प्रमाण है। वे अपनी गायिकी से भक्ति रस और भारतीय सनातन संस्कृति की खुशबू विदेशों तक फैला रही हैं। यह कदम भारतीय कला और संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि सीमाएं कलाकार को रोक नहीं सकतीं।

मानवी सिंह ने अपनी सफलता का श्रेय केवल अपनी मेहनत को ही नहीं दिया, बल्कि अपने मित्रों, शुभचिंतकों और समर्थकों को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि छोटे-बड़े सभी दोस्तों का आशीर्वाद और प्यार ही है, जिसकी वजह से वह इस मुकाम तक पहुंच पाईं। उनकी यह विनम्रता दर्शाती है कि सच्चा कलाकार केवल अपनी प्रतिभा से नहीं, बल्कि समाज और अपनों से मिले सहयोग से भी आगे बढ़ता है।

आज जब युवा पीढ़ी अक्सर कला और संस्कृति से दूर होती जा रही है, ऐसे समय में मानवी सिंह जैसे कलाकार नई राह दिखा रहे हैं। झारखंड, जो अपनी लोक-संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है, अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर मानवी सिंह जैसी प्रतिभाओं की वजह से और भी चमक रहा है। यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगी कि यदि कला को जुनून और मेहनत से साधा जाए तो वह सीमाओं को पार कर सकती है।

मानवी सिंह की यह यात्रा न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान भी है। थाईलैंड में होने वाला उनका नवरात्रि कार्यक्रम भारतीय कला की वैश्विक पहचान को और मजबूत करेगा।

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