नई दिल्ली: मिलावट (Contaminated ) वाली खाँसी की दवाओं के कारण 11 बच्चों की मौत ने देश भर में चिंता बढ़ा दी है। मामले सामने आने के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु की सरकारें सतर्क हो गई हैं और जांच शुरू कर दी गई है।
#WATCH Rewa: Madhya Pradesh Deputy Chief Minister Rajendra Shukla says, “In Chhindwara, a report was received late last night regarding Coldrif syrup company, which was sent for testing on October 1. The received report found 48% toxic substances…A letter has been written to… pic.twitter.com/RyFQWkDWsX
— ANI (@ANI) October 4, 2025
स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि दो साल से छोटे बच्चों को खाँसी और सर्दी की दवा न दी जाए। मंत्रालय ने बताया कि पांच साल से छोटे बच्चों के लिए ये दवाएँ आम तौर पर सुरक्षित नहीं मानी जातीं और बड़ी उम्र में भी डॉक्टर की कड़ी निगरानी और परीक्षण के बाद ही उपयोग करना चाहिए।
मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य निदेशकों को पत्र लिखकर सतर्क रहने को कहा है। यह कदम मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के मामलों के बाद उठाया गया है। मंत्रालय की विशेष टीम अभी तक जांच कर रही है कि छिंदवाड़ा (MP) में बच्चों की मौत की वजह क्या रही।
मध्य प्रदेश में Coldrif सिरप पर रोक
मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा जिले में नौ बच्चों की मौत की रिपोर्ट मिली है, जिनमें Coldrif सिरप का सेवन करने के बाद किडनी फेल्योर की आशंका है। यह सिरप कांचीपुरम, तमिलनाडु में बना था। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसे “बहुत दुखद” घटना बताया और राज्य सरकार ने इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
राजस्थान में कार्रवाई
राजस्थान सरकार ने ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को सस्पेंड कर दिया है और 19 दवाओं की सप्लाई रोक दी है, जो जयपुर की कंपनी Kayson Pharma द्वारा दी गई थीं। यह कदम उन दो बच्चों की मौत और कई बच्चों के बीमार पड़ने के बाद उठाया गया, जिन्हें मुख्यमंत्री फ्री मेडिसिन स्कीम के तहत दवाएँ दी गई थीं।
राजस्थान में सभी Dextromethorphan वाले खाँसी सिरप की बिक्री भी रोक दी गई है, क्योंकि कई बैच मानक पर खरे नहीं उतरे। Rajasthan Medical Services Corporation Limited (RMSCL) के अनुसार 2012 से अब तक 10,119 सैंपलों में से 42 सैंपल खराब पाए गए। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने विशेष जांच समिति बनाने का आदेश दिया है।
तमिलनाडु में जांच और संदिग्ध मिलावट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिरप में Diethylene Glycol नामक जहरीला रासायनिक मिला हो सकता है, जो किडनी फेल्योर का कारण बनता है। तमिलनाडु सरकार ने Coldrif सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है और Sunguvarchathram, Kancheepuram के निर्माण स्थल से सैंपल लेकर जांच शुरू कर दी है।
इन घटनाओं ने पूरे देश में बच्चों की दवा सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने फिर से डॉक्टरों और अभिभावकों को सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है।


 
                     
                    