ट्रंप, सिसी और नेतन्याहू करेंगे शरम-अल-शेख में शांति शिखर सम्मेलन; मोदी को भी मिला न्योता
गाज़ा/काहिरा: गाज़ा शांति समझौते को लेकर बड़ा झटका लगा है। हमास (Hamas) ने साफ कर दिया है कि वह मिस्र में होने वाले शांति समझौते के आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा। संगठन ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना को “बेतुकी और गैर-व्यावहारिक” बताया है।
हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य हुस्साम बदरान ने कहा, “फिलिस्तीनियों को, चाहे वे हमास के सदस्य हों या नहीं, अपनी जमीन से निकालने की बातें पूरी तरह बेतुकी हैं। यह प्रस्ताव अस्वीकार्य है।” उन्होंने कहा कि योजना का दूसरा चरण “कई जटिलताओं और मुश्किलों” से भरा हुआ है।
ट्रंप का मध्य पूर्व दौरा शुरू
डोनाल्ड ट्रंप रविवार से इज़राइल और मिस्र के दो दिवसीय दौरे पर निकल रहे हैं। यह उनकी पहली यात्रा होगी जब से उन्होंने इज़राइल और हमास के बीच युद्धविराम की घोषणा की थी।
ट्रंप रविवार को वॉशिंगटन से रवाना होकर सोमवार सुबह तेल अवीव पहुंचेंगे। वहां वे इज़राइली संसद (कनेस्सेट) को संबोधित करेंगे और बंदी बनाए गए इज़राइली परिवारों से मुलाकात करेंगे।
इसके बाद वे मिस्र के समुद्री शहर शरम-अल-शेख जाएंगे, जहां मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के साथ मिलकर सोमवार दोपहर एक गाज़ा शांति सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। यह सम्मेलन ट्रंप की 21-सूत्रीय गाज़ा शांति योजना का अहम हिस्सा है, जिसमें युद्धविराम, चरणबद्ध सैनिक वापसी और हमास के निरस्त्रीकरण का प्रस्ताव शामिल है।
मोदी को भी भेजा गया निमंत्रण
सूत्रों के मुताबिक अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति सिसी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आखिरी समय में इस सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया है।
हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने अभी तक उनकी यात्रा की पुष्टि नहीं की है। सम्मेलन में 20 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि शामिल होने की उम्मीद है। मिस्र की राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से कहा गया, “इस शिखर सम्मेलन का लक्ष्य गाज़ा में युद्ध समाप्त करना और मध्य पूर्व में शांति व स्थिरता की नई शुरुआत करना है।”
युद्धविराम लागू, बंधकों की रिहाई की शर्तें
ट्रंप की योजना के पहले चरण के तहत शुक्रवार से युद्धविराम लागू हुआ है। इज़राइली सेना ने गाज़ा के कुछ इलाकों से अपनी सेना हटाई, जिससे हजारों विस्थापित लोग अपने घरों की ओर लौटने लगे।
समझौते के मुताबिक, हमास को सोमवार दोपहर तक बाकी बचे 47 इज़राइली बंदियों (जिंदा या मृत) को रिहा करना होगा। इसके बदले में इज़राइल 250 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा, जिनमें से कई उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। इसके अलावा 1,700 गाज़ावासियों को भी रिहा किया जाएगा, जिन्हें युद्ध के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि अगर हमास ने समझौते की शर्तें नहीं मानीं या हथियार नहीं डाले, तो सैन्य अभियान फिर शुरू किया जाएगा।
युद्ध का भीषण असर
गाज़ा के हमास-नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 67,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने इन आंकड़ों को “विश्वसनीय” बताया है।
यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इज़राइल पर हमले से शुरू हुआ था, जिसमें 1,219 इज़राइली नागरिकों की मौत हुई थी।
शांति लागू कराने के लिए अमेरिका एक बहुराष्ट्रीय समन्वय बल का नेतृत्व करेगा, जिसमें मिस्र, क़तर, तुर्की और यूएई के सैनिक शामिल हो सकते हैं। हालांकि, अमेरिकी सैनिक गाज़ा में प्रवेश नहीं करेंगे।