भूमाफियाओं से मुक्ति के बाद काशी में खड़ी हुई भक्ति और विकास की अनोखी मिसाल
वाराणसी: भारत की आस्था नगरी काशी (Kashi) में आज एक नया अध्याय जुड़ गया। उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को भव्य श्री काशी नट्टुकोट्टई नगर सत्राम धर्मशाला का लोकार्पण किया।
मंत्रोच्चार और तालियों के बीच उपराष्ट्रपति ने इस धर्मशाला को श्रद्धालुओं को समर्पित करते हुए कहा कि उन्हें “असीम आनंद” की अनुभूति हो रही है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “काशी अब भक्ति और विकास दोनों का प्रतीक बन चुकी है।”
Hon. VP Shri C. P. Radhakrishnan Ji today inaugurated the New Dharmshala Building of Sri Kasi Nattukottai Nagara Satram Managing Society in Varanasi.
This Dharmshala will not only provide a comfortable stay for devotees but also strengthen the age-old cultural bond between Kashi… pic.twitter.com/JBbELYCCF2
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 31, 2025
आस्था और आधुनिकता का संगम
करीब ₹60 करोड़ की लागत से बना यह दस मंजिला सोलर-पावर्ड धर्मशाला 14,500 वर्गफुट क्षेत्र में फैला है और पूरबांचल का सबसे बड़ा अतिथि गृह बताया जा रहा है। इसमें 140 एसी कमरे, जिनमें 15 सुइट, 35 डीलक्स कमरे और एक डॉर्मिटरी शामिल हैं।
यहां 200 वाहनों की पार्किंग, भव्य रसोई, अन्नक्षेत्र (भोजनशाला) और बैंक्वेट हॉल जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं — जो काशी विश्वनाथ कॉरिडोर आने वाले श्रद्धालुओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं।
यह परियोजना चेन्नई की यूआरसी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने तैयार की है। भूमि तमिलनाडु स्थित श्री काशी नट्टुकोट्टई नगर सत्राम मैनेजिंग सोसाइटी की है, जो 212 साल पुरानी चेट्टियार समुदाय की ट्रस्ट है और काशी विश्वनाथ मंदिर से ऐतिहासिक रूप से जुड़ी रही है।
जहां आज यह आधुनिक धर्मशाला खड़ी है, वह ज़मीन कभी भूमाफियाओं के कब्ज़े में थी। योगी सरकार ने अतिक्रमण हटाकर इसे धार्मिक उपयोग के लिए वापस दिलाई।
पुनः जागा पुराना वैभव
ट्रस्ट के अध्यक्ष एल. नारायणन ने बताया कि यह भूमि वर्ष 1854 में मंदिर के पुष्प और प्रसाद के लिए खरीदी गई थी, जिसे 2020 में अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। इसके बाद आधुनिक धर्मशाला के रूप में इसका पुनर्निर्माण किया गया — यह केवल निर्माण नहीं, बल्कि संस्कार और श्रद्धा की पुनर्स्थापना है।
सस्ती दरों पर आधुनिक सुविधाएं
सभी कमरे पूर्णत: एसी हैं और प्रत्येक में तीन अतिथियों के ठहरने की व्यवस्था है। सुइट कमरों में लॉबी सहित आधुनिक सुविधाएं हैं। श्रद्धालुओं को तीन बार मुफ्त शाकाहारी भोजन मिलेगा, जबकि कमरे सस्ती दरों पर उपलब्ध रहेंगे।
‘भक्ति और विकास’ का सुंदर संगम
योगी सरकार के “भक्ति के साथ विकास” के विज़न को यह परियोजना साकार करती है। यह धर्मशाला काशी की पहचान को और मजबूत बनाती है — एक ऐसी नगरी के रूप में, जहाँ आस्था की परंपरा और आधुनिक भारत का आत्मविश्वास साथ-साथ बढ़ रहे हैं।
जैसे-जैसे काशी का आकाश ऊँचा हो रहा है, यह धर्मशाला परंपरा और प्रगति के संगम का उज्ज्वल प्रतीक बनकर उभरी है।

