नई दिल्ली/श्रीनगर: पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में बड़ा सिरदर्द बनने जा रहा है। ताज़ा खुफिया इनपुट ने चेतावनी दी है कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने अपने नेटवर्क को फिर से मजबूत कर लिया है और आने वाले हफ्तों में बड़े, समन्वित हमलों की साज़िश रच रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
LoC पर घुसपैठ में अचानक उछाल
सितंबर से नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिशें तेजी से बढ़ी हैं। ISI और पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) आतंकियों की मदद कर रही है। कई दहशतगर्द ग्रुप हाल ही में LOC पार कर भारत में दाखिल भी हो चुके हैं।
लश्कर का शमशेर नामक आतंकी ड्रोन की मदद से सुरक्षा में कमज़ोर जगहें खोज रहा था — इससे फिदायीन हमले, क्रॉस-बॉर्डर रेड और हथियार गिराने की आशंका बढ़ गई है।
पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) — जिसमें पूर्व SSG कमांडो और आतंकी शामिल रहते हैं — फिर सक्रिय दिखाई दे रही है। इससे भारतीय चौकियों पर खतरा और गहरा हो गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, यह हालात ऑपरेशन सिंदूर के बाद सबसे बड़ा उभार माना जा रहा है, जब घाटी में आतंक नेटवर्क को बुरी तरह ध्वस्त कर दिया गया था।
🔴An Encounter on in the Chatroo Sub-Division, District Kishtwar(Jammu & kashmir);
👉Pakistan🇵🇰 backed JeM group Social media also active
👉Indian Army’s White Knight Corps confirmed that in an intelligence based operation, along with Jammu kashmir Police, Indian Army soldiers… pic.twitter.com/TeGzvejgsr
— Levina🇮🇳 (@LevinaNeythiri) November 5, 2025
ISI का नया खेल: फिर जाग रही हैं स्लीपर सेलें
खुफिया सूत्रों के अनुसार, ISI ने अक्टूबर में प्रतिबंधित संगठनों जैसे हिज़बुल मुजाहिदीन और जमात-ए-इस्लामी के नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठकें कीं। मकसद साफ —
• स्लीपर सेल सक्रिय करना
• फंडिंग चैनल फिर शुरू करना
• घाटी में आतंक तंत्र को बदले की आग से उकसाना
आतंकी हैंडलरों ने खास तौर पर सुरक्षा बलों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं को निशाना बनाने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा पंजाब-राजस्थान मार्ग से नार्को-टेरर और हथियार तस्करी बढ़ाने की कोशिश भी चल रही है।
विकास पटरी से उतारने की पाकिस्तानी साजिश
जम्मू-कश्मीर में पर्यटन, चुनावी प्रक्रिया और सामान्य जिंदगी वापस पटरी पर आ रही है। एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान अपनी घरेलू राजनीतिक-आर्थिक मुश्किलों के बीच इस स्थिरता को बिगाड़ने पर उतारू है।
भारत ने क्रिटिकल अलर्ट जारी कर उत्तरी कमान की निगरानी और बढ़ा दी है। ज़रूरत पड़ने पर ऑपरेशन सिंदूर का नया चरण शुरू किया जा सकता है।
सर्दियों का खौफ: क्या यह ‘विंटर ऑफेंसिव’ है?
आमतौर पर सर्दियों में पहाड़ों से होकर घुसपैठ मुश्किल हो जाती है। लेकिन इस बार बढ़ती हलचल से अंदेशा है कि पाकिस्तान जानबूझकर विंटर ऑफेंसिव की तैयारी कर रहा है।
इसी समय भारत की तीनों सेनाओं का साझा युद्धाभ्यास ‘एक्सरसाइज़ त्रिशूल’ भी पश्चिमी सीमा पर चल रहा है।

