“न्यायपालिका खत्म, फौज सर्वोच्च” — Pakistan के 27वें संविधान संशोधन पर देशभर में बवाल

“न्यायपालिका खत्म, फौज सर्वोच्च” — Pakistan के 27वें संविधान संशोधन पर देशभर में बवाल
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Pakistan 27वां संविधान संशोधन : सुप्रीम कोर्ट की शक्तियां घटेंगी, फौज को मिलेगी और ताकत

इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में पेश किया गया 27वां संविधान संशोधन बिल एक नए राजनीतिक और कानूनी तूफ़ान का कारण बन गया है। विपक्ष और क़ानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह संशोधन सुप्रीम कोर्ट की भूमिका को कमजोर और फौज की ताकत को और मजबूत कर देगा।

शनिवार को सीनेट में पेश किए गए इस बिल में एक नए फेडरल कॉन्स्टीट्यूशनल कोर्ट (FCC) के गठन का प्रस्ताव है। यह अदालत संविधान की व्याख्या और संघीय विवादों के निपटारे के अधिकार संभालेगी — जो अभी सुप्रीम कोर्ट के पास हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे सुप्रीम कोर्ट की हैसियत घटकर सिर्फ़ सामान्य दीवानी और आपराधिक मामलों तक सीमित रह जाएगी।

एक वरिष्ठ वकील ने कहा, “यह न्यायपालिका के अंत की शुरुआत है। सरकार अदालतों को अपने नियंत्रण में लेना चाहती है।”

संशोधन में अनुच्छेद 243 को भी बदला गया है, जिसके तहत आर्मी चीफ को ‘चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस’ का औपचारिक दर्जा मिलेगा और उन्हें आजीवन फील्ड मार्शल रैंक दी जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव सेना की संवैधानिक ताकत को और बढ़ा देगा।

वहीं, विपक्षी गठबंधन तहरीक तहफ़्फ़ुज़ ए-आइन पाकिस्तान (TTAP) ने इस “खतरनाक और काले संशोधन” के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। गठबंधन के नेताओं महमूद खान अचकज़ई और अल्लामा राजा नासिर अब्बास ने 9 नवंबर को देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया है।

हालांकि बिल को संसद में पारित होने के लिए अभी दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है, लेकिन इसके चलते पाकिस्तान में न्यायपालिका और सेना के बीच सत्ता संघर्ष अब खुलकर सामने आ गया है।

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