नई दिल्ली: सोमवार को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए घातक कार धमाके की जांच में एक चौंकाने वाला मोड़ आया है। जांच एजेंसियों को शक है कि इस धमाके के पीछे पुलवामा का डॉक्टर-से-बमबाज बना डॉ. उमर मोहम्मद का हाथ है, जिसने अपने आतंक नेटवर्क के ध्वस्त होने के बाद यह विस्फोट खुद ट्रिगर किया।
6:50 बजे हुआ धमाका, नौ की मौत, दो दर्जन घायल
शाम करीब 6:50 बजे, लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास खड़ी ह्युंडई i20 कार में जबरदस्त धमाका हुआ। कार कुछ ही सेकंड में आग का गोला बन गई। धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 24 से ज़्यादा लोग घायल हो गए। यह हादसा पुराने दिल्ली के ऐतिहासिक इलाक़े को हिला गया।
CCTV में मिली बड़ी सुराग: ब्लास्ट से पहले 3 घंटे तक खड़ी थी कार
सुरक्षा कैमरों की फुटेज में दिखा कि सफेद i20 कार तीन घंटे तक लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी थी। माना जा रहा है कि ड्राइवर खुद डॉ. उमर था, जो धमाके तक कार में मौजूद रहा।
दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने कहा, “प्रारंभिक जांच में संकेत हैं कि धमाका कार के अंदर से हुआ, किसी टक्कर से नहीं।”
🔴 Alleged CCTV footage of the car driver at a toll gate before the Delhi blast. 🫢🤔😵💫 pic.twitter.com/r7oeDFL5JS
— Naren Mukherjee (@NMukherjee6) November 11, 2025
हीलर से किलर तक का सफर
1989 में जन्मे डॉ. उमर मोहम्मद ने 2017 में जीएमसी श्रीनगर से एमबीबीएस किया था। वो एक समय फरीदाबाद (हरियाणा) में डॉक्टर थे। अब जांच में खुलासा हुआ है कि उमर दो अन्य डॉक्टरों — अदील अहमद राथर और मुजम्मिल शकील — के साथ एक तीन-सदस्यीय आतंक मॉड्यूल का हिस्सा था।
पिछले हफ्ते दोनों को 2,900 किलो अमोनियम नाइट्रेट के साथ गिरफ्तार किया गया था। उनके पकड़े जाने के बाद उमर भूमिगत हो गया — और माना जा रहा है कि लाल किला कार ब्लास्ट उसका आखिरी “बदला” था।
घातक i20 की कहानी
कार के असली मालिक सलमान ने पुलिस को बताया कि उसने यह गाड़ी कुछ महीने पहले बेच दी थी। अगला खरीदार तारीक, पुलवामा निवासी और उमर का साथी, इसे दूसरों को सौंपता गया — और अंततः यही कार विस्फोटक व डिटोनेटर से लदी दिल्ली पहुंची।
फॉरेंसिक रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि इसमें अमोनियम नाइट्रेट और फ्यूल ऑयल (ANFO) का इस्तेमाल हुआ — वही मिश्रण जो पुलवामा और हैदराबाद ब्लास्ट में हुआ था।
DNA जांच से खुलेगा राज़
पुलिस ने उमर के परिजनों को पुलवामा में हिरासत में लिया है। कार से मिले जले हुए अवशेषों का डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि उमर धमाके में मारा गया या भाग निकला।
डॉक्टर जिसने अपनी कसम तोड़ी
जो कभी लोगों की जान बचाने की कसम खाता था, वही अब जिंदगियां लूटने का आरोपी बन गया है।
डॉ. उमर मोहम्मद — क्या वह धमाके में मरा या फिर अंधेरे में गायब हो गया?
यह सवाल अब भी दिल्ली को सिहरन दे रहा है कि आतंक अब सफेद कोट पहनकर भी आ सकता है।

