रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Putin) के सम्मान में शुक्रवार रात हुए स्टेट डिनर (Dinner) में कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Sashi Tharoor) को तो न्योता मिला, लेकिन पार्टी के दो बड़े नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रण नहीं भेजा गया। इस फैसले ने कांग्रेस के भीतर हलचल और नाराज़गी दोनों बढ़ा दी है।
थरूर, जो कि संसद की विदेश मामलों से जुड़ी स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं, ने पुष्टि की कि उन्हें निमंत्रण मिला है और वह शामिल भी होंगे। उन्होंने कहा कि यह “समिति अध्यक्ष को दिया जाने वाला औपचारिक सम्मान” है।
This man is a born Diplomat! His every word is Gold.
No wonder .@ShashiTharoor earned invite for Dinner with President Putin & ‘Kiddo’ Rahul Ghandy didn’t. pic.twitter.com/CmtERhBpAC
— BhikuMhatre (@MumbaichaDon) December 5, 2025
कांग्रेस बोली — यह ‘चयनित कूटनीति’ क्यों?
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बिना नाम लिए थरूर पर तंज कसते हुए कहा:
“यह हैरानी की बात है कि निमंत्रण भेजा भी गया और स्वीकार भी किया गया। जब मेरे नेता आमंत्रित नहीं हैं और मैं हूं, तो समझना चाहिए खेल क्या है और कौन खेल रहा है।”
पार्टी नेताओं ने पुष्टि की कि न लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को, न ही राज्यसभा के नेता खड़गे को कोई निमंत्रण मिला है। कांग्रेस इसे राजनीतिक शिष्टाचार का उल्लंघन बता रही है।
MP Shashi Tharoor invited to the President’s banquet organised in honour of Russian President Vladimir Putin’s visit to India.@Pawankhera ji says, “It’s quite surprising that an invitation was sent and the invitation was accepted also.
Everyone’s conscience has a voice. When… pic.twitter.com/B2ijTYlFnS— Asma (@asmatasleem13) December 5, 2025
राहुल गांधी ने एक दिन पहले ही सरकार पर आरोप लगाया था कि वह विदेशी नेताओं और विपक्ष के बीच मुलाकातें रोकती है — जबकि अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर मनमोहन सिंह तक, पिछली सरकारें ऐसा नहीं करती थीं।
थरूर ने इस मुद्दे पर राहुल का समर्थन किया, कहा:
“नेता प्रतिपक्ष ने अपनी बात रख दी है… अब सरकार को जवाब देना चाहिए।”
कांग्रेस और थरूर के बीच बढ़ती दूरी फिर उजागर
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण रहे हैं।
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थरूर की कुछ टिप्पणियाँ जो प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ जैसी लगीं, पार्टी के अंदर नाराज़गी का कारण बनीं।
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हाल ही में उनका लेख “Indian Politics Are a Family Business” भी पार्टी के नेतृत्व पर अप्रत्यक्ष हमला माना गया।
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भाजपा में जाने की अफवाहें भी लगातार चर्चा में रहती हैं, हालांकि थरूर कई बार इसका खंडन कर चुके हैं।
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2022 में पार्टी सुधारों को लेकर लिखे गए उनके पत्र से भी दूरी और बढ़ी।
पुतिन की भारत यात्रा के बीच डिनर गेस्ट लिस्ट ने एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है।
थरूर को न्योता और राहुल–खड़गे को नहीं — इसने कांग्रेस के अंदर पुराने घाव फिर हरे कर दिए हैं और यह दिखा दिया है कि विदेशी कूटनीति भी दिल्ली की राजनीति से अलग नहीं रह पाती।

