नई दिल्ली: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में भारत (Bharat) ने बड़ी छलांग लगाई है। Stanford University की 2025 ग्लोबल AI वाइब्रेंसी टूल रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे AI-प्रतिस्पर्धी देश बन गया है। इस सूची में भारत से आगे केवल अमेरिका और चीन हैं।
रिपोर्ट में 2017 से 2024 के बीच देशों की AI प्रगति का आकलन किया गया है। इसमें AI टैलेंट, रिसर्च, स्टार्टअप्स, निवेश, कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, सरकारी नीतियां और अर्थव्यवस्था पर असर जैसे पहलुओं को देखा गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह रैंकिंग बताती है कि भारत अब सिर्फ उभरता खिलाड़ी नहीं, बल्कि वैश्विक AI ताकत बन चुका है।
India’s rise to third place globally in #AI competitiveness reflects years of focused investment in talent, research and digital infrastructure. This progress shows how India is building capability, not just adoption, in emerging #technologies. @GoI_MeitY pic.twitter.com/Y7VQSSkmjm
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) December 16, 2025
AI से बदल रही रोज़मर्रा की ज़िंदगी
भारत में AI अब सिर्फ लैब या बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं है। गांवों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, किसानों को फसल से जुड़ी सलाह, बच्चों के लिए पर्सनलाइज्ड पढ़ाई, स्मार्ट शहरों में ट्रैफिक और सुरक्षा—हर जगह AI काम आसान कर रहा है। सरकारी सेवाओं में भी डेटा-आधारित फैसलों से रफ्तार और पारदर्शिता बढ़ी है।
मजबूत टैलेंट और बढ़ती अर्थव्यवस्था
देश के टेक और AI इकोसिस्टम में 60 लाख से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। भारतीय टेक सेक्टर का रेवेन्यू इस साल 280 अरब डॉलर पार करने की उम्मीद है। अनुमान है कि 2035 तक AI भारत की अर्थव्यवस्था में 1.7 ट्रिलियन डॉलर जोड़ सकता है।
सरकारी पहल और नीति समर्थन
भारत की AI रफ्तार के पीछे मजबूत सरकारी पहलें भी हैं। Ministry of Electronics and Information Technology के तहत मार्च 2024 में शुरू हुई IndiaAI मिशन को ₹10,300 करोड़ से अधिक का बजट मिला है। इस मिशन के तहत देश में 38,000 से ज्यादा GPU उपलब्ध कराए जा चुके हैं, ताकि स्टार्टअप्स, रिसर्चर्स और संस्थानों को सस्ती और शक्तिशाली कंप्यूटिंग मिल सके।
स्टार्टअप्स और उद्योग में तेज अपनाव
भारत में करीब 1.8 लाख स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से बड़ी संख्या अपने उत्पादों और सेवाओं में AI का इस्तेमाल कर रही है। बैंकिंग, बीमा, रिटेल, ऑटोमोबाइल, मैन्युफैक्चरिंग और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर AI अपनाने में सबसे आगे हैं।
समावेशी और जिम्मेदार AI पर ज़ोर
NITI Aayog की हालिया रिपोर्ट बताती है कि AI से देश के असंगठित क्षेत्र के करोड़ों कामगारों को भी फायदा मिल सकता है—चाहे वह स्किलिंग हो, फाइनेंस हो या हेल्थ और एजुकेशन तक पहुंच। साथ ही, सरकार सुरक्षित और भरोसेमंद AI के लिए डेटा गोपनीयता, बायस कंट्रोल और जवाबदेही पर भी काम कर रही है।
बढ़ती वैश्विक पहचान
स्टैनफोर्ड की रैंकिंग में भारत का टॉप-3 में आना देश की मजबूत STEM टैलेंट, तेजी से बढ़ते डेवलपर समुदाय और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का नतीजा है। भारत GitHub पर AI प्रोजेक्ट्स में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता भी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सही नीतियों, प्रतिभा और तकनीक के साथ भारत आने वाले वर्षों में AI को आर्थिक विकास, सामाजिक बदलाव और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य का बड़ा आधार बना सकता है।

