भारत का ‘सुदर्शन चक्र’: देश का अपना आयरन डोम, ढाल भी और हथियार भी
क्या है सुदर्शन चक्र? जानिए भारत का भविष्य का रक्षा कवच
भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाते हुए ‘सुदर्शन चक्र’ नाम का नया एयर डिफेंस सिस्टम पेश किया है। यह ऐसा कवच होगा जो दुश्मन के हवाई हमलों से देश की रक्षा करेगा और ज़रूरत पड़ने पर जवाबी वार भी करेगा।
आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित रण संवाद-2025 कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने बताया कि ‘सुदर्शन चक्र’ देश की राजधानी, अहम सैन्य ठिकानों, परमाणु संयंत्रों और औद्योगिक इलाकों जैसे अहम स्थानों को सुरक्षित करेगा।
यह सिस्टम परंपरागत ढालों से अलग होगा। इसमें सॉफ्ट किल तकनीक जैसे साइबर अटैक और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग के साथ-साथ हार्ड किल तकनीक भी होगी, जिसमें मिसाइल और लेज़र हथियार शामिल होंगे। ज़मीन, हवा, समुद्र और अंतरिक्ष से मिले डेटा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम तकनीक के ज़रिए जोड़कर यह तुरंत कार्रवाई करेगा।
जनरल चौहान ने कहा कि भविष्य के युद्धों में थल, जल और नभ सेनाओं की सीमाएं नहीं होंगी। ऐसे में संयुक्त और तेज़ प्रतिक्रिया ही जीत दिलाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत शांति पसंद देश है, लेकिन शक्ति के बिना शांति केवल कल्पना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन की घोषणा पहले ही कर दी थी। इसका मक़सद है कि भारत का रक्षा कवच पूरी तरह स्वदेशी हो और आधुनिक तकनीकों पर आधारित हो। योजना के अनुसार यह सिस्टम 2035 तक पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा।
क्या है सुदर्शन चक्र ?
-
यह भारत का मल्टी-लेयर एयर डिफेंस सिस्टम है।
-
इसका लक्ष्य है ड्रोन, क्रूज़ मिसाइल, हाइपरसोनिक हथियार और दुश्मन के बड़े हवाई हमलों को रोकना।
-
इसमें रडार और सेंसर नेटवर्क, रियल टाइम डेटा कंट्रोल सिस्टम और मिसाइल इंटरसेप्टर व लेज़र हथियार शामिल होंगे।
-
नाम भगवान कृष्ण के दिव्य अस्त्र से लिया गया है, जो रक्षा और आक्रमण दोनों का प्रतीक है।
आयरन डोम क्या है?
-
इज़राइल का आयरन डोम 2011 से काम कर रहा है।
-
यह छोटी दूरी की रॉकेट और गोले जैसी चीज़ों को मार गिराने में माहिर है।
-
इसमें तीन मुख्य हिस्से होते हैं—रडार, कंट्रोल सिस्टम और तमीर इंटरसेप्टर मिसाइलें।
-
हर बैटरी लगभग 150 वर्ग किलोमीटर का इलाका बचाती है और इसकी सफलता दर 90% से ज़्यादा मानी जाती है।
…क्यों खास है?
-
जहां आयरन डोम छोटे भूभाग के लिए बना है, वहीं भारत का सुदर्शन चक्र देश के विशाल क्षेत्र को देखते हुए तैयार किया जा रहा है।
-
यह पूरे देश को ढकने की बजाय महत्वपूर्ण इलाकों के ऊपर सुरक्षा कवच बनाएगा।
-
इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी और लेज़र जैसे आधुनिक हथियार होंगे।
-
यह केवल ढाल नहीं बल्कि जवाबी हथियार भी होगा।