‘मेड इन इंडिया’ रक्षा निर्माण में बड़ी छलांग, GE और Safran के साथ बातचीत अंतिम चरण में
मुख्य बिंदु:
- भारत में अगले साल से फाइटर जेट इंजन का स्वदेशी उत्पादन शुरू होगा
- GE और Safran जैसी विदेशी कंपनियों से साझेदारी पर बातचीत अंतिम चरण में
- CCS जल्द ले सकती है अंतिम फैसला
- इंजन निर्माण के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर अनिवार्य
- AMCA प्रोजेक्ट पर काम तेज़, उत्पादन समय से पहले शुरू होने की उम्मीद
नई दिल्ली: भारत अब अपने ही बनाए फाइटर जेट इंजन से उड़ान भरने की तैयारी में है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को घोषणा की कि देश अगले साल से स्वदेशी फाइटर जेट इंजन का उत्पादन शुरू करेगा। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में “ऐतिहासिक कदम” बताया।
नेटवर्क18 ग्रुप एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी को दिए एक खास इंटरव्यू में सिंह ने बताया कि भारत की कई वैश्विक रक्षा कंपनियों से बातचीत चल रही है — जिनमें अमेरिका की GE और फ्रांस की Safran प्रमुख हैं — ताकि भारत में ही इंजन का निर्माण हो और उसके साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी सुनिश्चित किया जा सके।
“ये इंजन भारत में बनेंगे, और भारतीयों के हाथों से बनेंगे,” — राजनाथ सिंह
#Exclusive | Within a year, we will reach a position where we will build the engines for these fighter planes in India, on Indian soil, by Indian hands. Work on indigenous drones has already begun: Defence Minister @rajnathsingh #RajnathSinghToNews18 | @18RahulJoshi pic.twitter.com/stqJErpVc0
— News18 (@CNNnews18) November 7, 2025
अंतिम चरण में बातचीत
तेजस (Tejas) लड़ाकू विमान के लिए इंजन सप्लाई को तेज करने और पुराने MiG-21 बेड़े को चरणबद्ध तरीके से हटाने को लेकर पूछे गए सवाल पर रक्षा मंत्री ने कहा,
“GE, Safran जैसी कई कंपनियों से हमारी बातचीत चल रही है। कई कदम उठाए जा चुके हैं। अंतिम निर्णय कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) लेगी।”
उन्होंने कहा कि इंजन उत्पादन की दिशा और प्रक्रिया पर सरकार के पास “पूरी स्पष्टता” है और काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।
‘विदेशी दबाव नहीं, भारतीय हित पहले’
राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि भारत विदेशी इंजनों की खरीद जारी रखेगा, लेकिन अपने हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।
“हमने कंपनियों से कहा है कि अगर हम आपसे इंजन खरीदें, तो उन्हें भारत में ही बनाना होगा और तकनीक भी भारत को देनी होगी,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया पर अमेरिका या किसी अन्य देश का कोई दबाव नहीं है।
AMCA प्रोजेक्ट पर भी जोर
सिंह ने बताया कि भारत का Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) प्रोजेक्ट — जो कि देश का पहला पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ ट्विन-इंजन फाइटर जेट है — तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी प्रगति “प्रोत्साहित करने वाली” है और सरकार इसका उत्पादन जल्द शुरू करने की दिशा में काम कर रही है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में दस साल लग सकते हैं, तो सिंह ने कहा,
“संभव है कि यह समय सीमा से पहले ही पूरा हो जाए।”
‘मेड इन इंडिया’ पर सरकार की पकड़ मजबूत
हालांकि सिंह ने किसी एक कंपनी का नाम नहीं बताया, उन्होंने कहा कि उनके बयान “बेसलेस नहीं हैं” और बातचीत सकारात्मक दिशा में है। उन्होंने दोहराया कि भारत का लक्ष्य पूरी तरह घरेलू उत्पादन और तकनीकी आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
रक्षा स्वावलंबन की ओर निर्णायक कदम
स्वदेशी फाइटर जेट इंजन का निर्माण भारत के रक्षा क्षेत्र की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जा रहा है। अब तक भारत को अपने युद्धक विमानों के लिए इंजन अमेरिका, रूस या फ्रांस जैसे देशों से आयात करने पड़ते थे।
अगर यह योजना समय पर पूरी हुई, तो भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जो उन्नत फाइटर जेट इंजन तकनीक विकसित करने की क्षमता रखते हैं।

