‘Blood Moon’ ने आकर्षित किया दुनिया का ध्यान

Blood Moon India
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कल रात आकाश ने एक अनोखा नजारा पेश किया, जब चंद्रमा ने अपना रंग बदलकर गहरा लाल रूप ले लिया। इसे ‘ब्लड मून’ (Blood Moon) यानी रक्त चंद्रमा भी कहा जाता है। यह साल का दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण था, जिसे लाखों लोग भारत सहित पूरी दुनिया में उत्सुकता और रोमांच से निहारते रहे। धरती की छाया धीरे-धीरे चंद्रमा पर फैलती गई और चाँद चमत्कारी रूप से चमकता हुआ गहरा लाल दिखाई दिया।

Blood Moon चंद्रग्रहण की पूरी प्रक्रिया – कब क्या हुआ?

  •  ग्रहण की शुरुआत – रात 9:57 बजे
    सबसे पहले धरती की छाया चंद्रमा के किनारे से छूने लगी और धीरे-धीरे पूरी चंद्रपृष्ठ पर फैलने लगी।

  •  Blood Moon (ब्लड मून) बना – रात 11:01 बजे
    इस समय चंद्रमा पूरी तरह से धरती की छाया में समा गया और लाल रंग में बदल गया। लोगों ने इसे बिना दूरबीन के भी साफ देखा।

  •  चरम बिंदु और अंत – रात 11:48 से 12:22 बजे तक
    लगभग 48 मिनट तक चंद्रग्रहण पूर्ण रहा। इस दौरान चाँद अपनी गहरी लालिमा में पूरी तरह से चमक रहा था।

चाँद लाल क्यों दिखता है? विज्ञान की बात

जब धरती सूरज और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तो सीधे सूर्य का प्रकाश चाँद तक नहीं पहुँचता। लेकिन पृथ्वी की वायुमंडलीय परत सूर्य की नीली किरणों को बिखेर देती है, और लंबी लाल किरणें चाँद तक पहुँचती हैं। इसलिए चाँद लाल दिखाई देता है। यही कारण है कि सूरज ढलते समय आसमान लाल और नारंगी रंग में रंग जाता है।

यह घटना क्यों है खास?

वैज्ञानिक इसे बेहद दुर्लभ और रोमांचक घटना मानते हैं। ये हमें ब्रह्मांड की विशालता और उसकी रहस्यमयी गतिविधियों से जोड़ती है। ऐसे नजारे इंसान की कल्पना और जिज्ञासा को नए आयाम देते हैं।

यह ब्लड मून चंद्रग्रहण प्रकृति की एक अद्भुत उपहार की तरह था, जिसने सबको अपने वैभव से मंत्रमुग्ध कर दिया।

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