नई दिल्ली: पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने स्वीकार किया है कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई नहीं की थी और इसके पीछे अमेरिका सहित कई देशों का दबाव था।
ABP लाइव को दिए इंटरव्यू में चिदंबरम ने बताया कि 2008 में हमले के बाद तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस दिल्ली आईं और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलकर कहा कि “कृपया रिएक्ट मत कीजिए।”
“पूरा विश्व दिल्ली पर उतर आया था और कह रहा था ‘युद्ध मत छेड़ो।’ मेरे मन में जरूर आया था कि हमें बदला लेना चाहिए, लेकिन प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से चर्चा के बाद फैसला हुआ कि हमें फिजिकली रिएक्ट नहीं करना है,” चिदंबरम ने कहा।
After 17 years, Chidambaram, Former Home Minister admits what the nation knew — 26/11 was mishandled due to pressure from foreign powers. Too little, too late.#CongressFailedNationalSecurity pic.twitter.com/bbWWM5X5gu
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) September 29, 2025
भाजपा का हमला
चिदंबरम के इस बयान पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक्स पर लिखा:
“17 साल बाद चिदंबरम ने वही स्वीकार किया जो देश पहले से जानता था—26/11 को कांग्रेस सरकार ने विदेशी दबाव में गलत तरीके से हैंडल किया। बहुत देर हो चुकी है।”
यह विवाद ऐसे वक्त में उठा है जब कांग्रेस, ऑपरेशन सिंदूर रोके जाने को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। इस ऑपरेशन के जरिए सेना ने पीओके में आतंकी ठिकाने ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन 10 मई 2025 को इसे अचानक रोक दिया गया।
After 17 years, Chidambaram, Former Home Minister admits what the nation knew — 26/11 was mishandled due to pressure from foreign powers. Too little, too late.#CongressFailedNationalSecurity pic.twitter.com/bbWWM5X5gu
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राहुल गांधी का मोदी पर वार
कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी हाल ही में मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि मई में पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में “सरेंडर” किया।
“ट्रंप ने कहा, ‘नरेंद्र, सरेंडर।’ और मोदीजी ने कहा, ‘जी हुजूर’,” राहुल गांधी ने तंज कसा।
हालांकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ किया कि इस अवधि में मोदी और ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल ही नहीं हुआ।
कांग्रेस के भीतर नाराज़गी
चिदंबरम के खुलासे पर कांग्रेस के ही नेता राशिद अल्वी भड़क गए। उन्होंने कहा:
“अगर उन्हें इतना ही ऐतराज था तो उस वक्त इस्तीफा देना चाहिए था। अब यह बयान देना कांग्रेस को कमजोर और बीजेपी को मजबूत करेगा। राहुल गांधी जब मोदी सरकार पर दबाव की राजनीति का आरोप लगा रहे हैं, तब चिदंबरम का ऐसा कहना बिल्कुल गलत है।”
26/11 हमले की याद
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तारीख: 26-29 नवंबर 2008
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हमलावर: लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी
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निशाने: ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, सीएसटी स्टेशन, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे और अन्य जगहें
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हानि: 170 से ज्यादा लोगों की मौत, 300 से ज्यादा घायल
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अंजाम: 60 घंटे तक चला ऑपरेशन, 9 आतंकी मारे गए, अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया और बाद में फांसी दी गई।