– अमित शाह ने किया ‘आपराधिक नेता विधेयक’ का बचाव
नई दिल्ली: देश की सियासत में इन दिनों सबसे ज़्यादा चर्चा “आपराधिक नेता विधेयक” (Criminal Neta Bill) की हो रही है। विपक्ष इसे “तानाशाही” बता रहा है, तो सरकार कह रही है कि “अब अपराधियों को सत्ता के गलियारों से बाहर निकालने का वक्त आ गया है।”
सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एएनआई से बात करते हुए दो टूक कहा –
“क्या यह सही है कि अगर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जेल चले जाएं तो सरकार वहीं से चलती रहे? लोकतंत्र किसी एक व्यक्ति पर नहीं रुकता। बहुमत वाली पार्टी नया नेता चुन सकती है।”
#WATCH | On opposition’s allegations and criticism of 130th Amendment Bill, Union HM Amit Shah says, “In this country today, the number of NDA CMs is more. The PM is also from the NDA. So this bill does not raise questions only for the opposition. This raises questions for our… pic.twitter.com/k8nmT81crK
— ANI (@ANI) August 25, 2025
क्या है ‘आपराधिक नेता विधेयक’?
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इसका आधिकारिक नाम है संविधान (130वां संशोधन) विधेयक।
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प्रावधान यह कि अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री लगातार 30 दिन जेल में रहता है और उस पर ऐसे अपराध का आरोप है, जिसमें कम से कम 5 साल की सज़ा हो सकती है, तो उसे पद से हटना होगा।
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अभी तक नेता तभी अयोग्य होते हैं जब उन्हें सज़ा सुनाई जाती है। यह बिल जेल में रहते हुए “सरकार चलाने” पर रोक लगाएगा।
मोदी बनाम इंदिरा: शाह का तंज
अमित शाह ने तंज कसते हुए कहा कि “नरेंद्र मोदी ने खुद को इस कानून के दायरे में रखा है, जबकि इंदिरा गांधी ने खुद को बचाने के लिए संविधान ही बदल दिया था।”
उन्होंने राहुल गांधी पर भी वार किया – “जो कभी दोषी नेताओं को बचाने वाला अध्यादेश फाड़ते थे, आज उन्हीं नेताओं के साथ खड़े हैं।”
विपक्ष का हल्ला बोल
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राहुल गांधी: “यह विधेयक जनता द्वारा चुने गए नेताओं को कमजोर करता है।”
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प्रियंका गांधी: इसे “असंवैधानिक” करार दिया।
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ममता बनर्जी: बोलीं, “यह लोकतंत्र की मौत की घंटी है।”
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अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि यह बिल नेताओं को फंसाने और विरोधियों को कमजोर करने का हथियार है।
I see the bill for the removal of CMs and ministers as a completely draconian thing.
To say it as an anti-corruption measure, is just to pull a veil across the eyes of the people. Tomorrow, you can put any kind of a case on a CM, have him arrested for 30 days without conviction,… pic.twitter.com/QlQEFE4BpM
— Congress (@INCIndia) August 20, 2025
I condemn the 130th Constitutional Amendment Bill, proposed to be tabled, by the Government of India today. I condemn it as a step towards something that is more than a super- Emergency, a step to end the democratic era of India for ever. This draconian step comes as a death… pic.twitter.com/Vx78R1fh6V
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 20, 2025
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी का कहना है कि यह कानून राजनीति को अपराधमुक्त करने का सबसे बड़ा कदम है। पार्टी का दावा है कि “जनता अब ऐसे नेताओं को सत्ता में नहीं देखना चाहती जिनके खिलाफ गंभीर केस हों।”
क्यों अहम है यह बिल?
भारत की राजनीति लंबे समय से “दागी नेताओं” की समस्या से जूझ रही है। संसद और विधानसभाओं में कई ऐसे सांसद-विधायक हैं जिन पर गंभीर आपराधिक केस दर्ज हैं। इस बिल को सत्ता और अपराध के रिश्ते को तोड़ने की दिशा में ऐतिहासिक सुधार माना जा रहा है।