रोटी नहीं, बंदूकें चाहिए! पाकिस्तान ने आर्थिक तबाही के बीच बढ़ाया ₹2.5 ट्रिलियन रक्षा बजट, भारत से जंग की तैयारी?

कर्ज़ में डूबा पाकिस्तान कर रहा युद्ध की तैयारी, भारत के खिलाफ 14 अरब डॉलर का रक्षा बजट पेश!

न्यूज़ डेस्क: कर्ज़ से कराहता, महंगाई से पिसता और पानी की भयानक कमी से जूझता पाकिस्तान अब युद्ध की तैयारियों में जुट गया है। साल 2025-26 के लिए पाकिस्तान ने अपने अब तक के सबसे बड़े रक्षा बजट की घोषणा कर दी है — 2.5 ट्रिलियन रुपये, यानी लगभग 14 अरब डॉलर!

ये घोषणा उस वक्त आई है जब मई में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक गोलीबारी चली, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई।

पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसन इक़बाल ने शनिवार (7 जून) को ये जानकारी दी और कहा कि ये “कौमी फर्ज़” है। पाकिस्तानी अखबार डॉन से बात करते हुए उन्होंने कहा:

“हमारा फर्ज़ है कि अपनी फौज को हर वो संसाधन दें जो उन्हें मुल्क की हिफ़ाज़त के लिए चाहिए। भारत ने रात के अंधेरे में हमला किया, लेकिन हमने उन्हें करारा जवाब दिया।”

इतना ही नहीं, उन्होंने भारत पर “पानी के खिलाफ जंग” छेड़ने और सिंधु जल संधि को निलंबित करने का आरोप भी लगाया, और कहा कि पाकिस्तान को हर वक़्त तैयार रहना होगा।

पानी के बहाने पर परमाणु साए!

इस रक्षा बढ़ोतरी के साथ ही पाकिस्तान ने 14 अरब डॉलर के दियामेर-भाषा डैम प्रोजेक्ट को भी तेज़ी से आगे बढ़ाने की बात कही है, जिसे चीन की मदद से बनाया जा रहा है। पानी की किल्लत दूर करने की बात तो है, लेकिन रणनीतिक नजरिए से यह डैम भारत-पाक तनाव को और बढ़ा सकता है।

आर्थिक तबाही के बीच युद्ध की तैयारी

पाकिस्तान की कुल कर्ज़ राशि इस समय 76 ट्रिलियन रुपये तक पहुँच चुकी है — जो 2021 की तुलना में दोगुनी है। IMF और एशियन डेवलपमेंट बैंक के बेलआउट पैसों पर ज़िंदा पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था अब और बोझ नहीं झेल सकती।

वित्तीय विशेषज्ञों और आलोचकों का कहना है कि इतना बड़ा रक्षा बजट स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीबी हटाने जैसे ज़रूरी क्षेत्रों का दम घोंट देगा।

दुनिया को चिंता: क्या ये पैसा आतंक की झोली में जाएगा?

अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का डर है कि पाकिस्तान की सेना द्वारा लिया गया बड़ा हिस्सा कहीं आतंकवादी संगठनों तक न पहुँच जाए, क्योंकि पाकिस्तानी सेना का आतंक से रिश्ता कोई नई बात नहीं है।

हालांकि पाकिस्तान दावा कर रहा है कि ये बजट IMF को दिखाकर ही बनाया गया है, लेकिन आशंका बनी हुई है कि सैन्य बजट और लोकलुभावन प्रोजेक्ट्स के चक्कर में आर्थिक सुधार पटरी से उतर सकते हैं।

भारत से तुलना में कहाँ ठहरता है पाकिस्तान?

भारत का वार्षिक रक्षा बजट 86 अरब डॉलर है — जो पाकिस्तान के बजट से लगभग 9 गुना बड़ा है। फिर भी पाकिस्तान अपने घटते संसाधनों में से सबसे बड़ा हिस्सा हथियारों पर खर्च कर रहा है, जिससे साफ है कि उसकी प्राथमिकता रोटी नहीं, बंदूक है।

नतीजा क्या होगा?

एक तरफ भूखा-प्यासा पाकिस्तान, दूसरी ओर हथियारों का अंबार। सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान खुद को युद्ध की तैयारी में तबाह कर रहा है?

दुनिया की नजर अब इस पर टिकी है कि पाकिस्तान ये पैसा कहाँ और कैसे खर्च करता है — वरना ग़रीबी के दलदल में फंसा ये मुल्क खुद अपने बोझ से डूब सकता है।

“जब पेट खाली हो, तब बंदूकें बोझ बन जाती हैं। पाकिस्तान को ये समझने में और कितनी देर लगेगी?”

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