ललितकला में अच्छे करियर व सुनहरे भविष्य की असीम संभावनाएं : डॉ. गंगवार

# डीपीएस बोकारो में लगी विद्यालय स्तर की पहली ग्राफिक-आर्ट प्रदर्शनी

बोकारो। ललितकला के क्षेत्र में विद्यार्थियों की प्रतिभा निखारने और उसे समुचित मंच देने के उद्देश्य से दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बोकारो में पहली बार ग्राफिक आर्ट-वर्क प्रदर्शनी लगाई गई। आइकॉनिक इम्प्रेशन नामक इस प्रदर्शनी में कक्षा 11 व 12 के छात्र-छात्राओं ने प्रकृति एवं स्थिर वस्तु चित्रण विषयवस्तु पर अपनी कलाकृतियों का लघु संसार प्रस्तुत किया। लकीरों, घुमावदार रेखाओं और विभिन्न आकृतियों के साथ-साथ लकड़ी, पत्ते व कागज पर कटावदार उभरी आकृतियों के जरिए तैयार की गई छपाई कला के विविध रूपों से विद्यार्थियों ने सभी को मोहित कर दिया। फूल-पौधों व हरितीमा की सुंदर साज-सज्जा व मनोरम संगीत के बीच विद्यालय के अमृता शेरगिल कला भवन में आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार ने किया।

अपने संबोधन में प्राचार्य ने विद्यार्थियों की कलात्मक प्रतिभा व रचनात्मकता की मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि डीपीएस बोकारो अपने छात्र-छात्राओं की प्रतिभा हर विधा में निखारते हुए उनके समग्र विकास को लेकर कटिबद्ध है। उन्होंने बताया कि कला के क्षेत्र में आज करियर की असीम संभावनाएं हैं। हर साल यहां के विद्यार्थी एनआईडी, निफ्ट, यूसीड जैसे संस्थानों में सफलता प्राप्त करते हैं। उन्होंने प्रतिभागी बच्चों को इसी प्रकार अपने मनोभाव को कलात्मक रूप में मुद्रित करते रहने का संदेश दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं व्यक्त कीं।

उल्लेखनीय है कि विद्यालय स्तर पर यह अपने-आप में पहली ग्राफिक आर्ट प्रदर्शनी रही। ग्राफिक आर्ट ललितकला का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसमें पेंटिंग की बजाय तकनीकी काम अधिक होता है। विभिन्न छपाई तकनीकों के जरिए कलाकृति तैयार करना अपने-आप में अनूठी कला है, जिसकी अपनी एक विशिष्ट पहचान है। बच्चों ने प्रदर्शनी में ग्राफिक-आर्ट के विभिन्न प्रकारों में लिथोग्राफी, सेरीग्राफी, वुड प्रिंट, लिनो प्रिंट्स, स्टेन्सिल, लाइन ड्राइंग, स्क्रीन प्रिंट, टाइपोग्राफी, एबस्ट्रेक्ट, पत्तों की कलाकृति, ऑयल प्रिंटिंग, शेप्स एंड इल्यूजन आदि के साथ-साथ ग्राफिक आर्ट में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न उपकरणों व सामग्रियों की आकर्षक प्रस्तुति से सबकी भरपूर सराहना पाई। उन्होंने फूल, पेड़-पौधे, औजार, मास्क, मानवीय व्यवहार, अध्यात्म, घरेलू वस्तु आदि से संबंधित लगभग 100 प्रदर्श प्रस्तुत किए। इस क्रम में विद्यार्थियों ने आन द स्पॉट कलाकृति भी तैयार की।

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