रॉबर्ट वाड्रा पर ईडी की बड़ी कार्रवाई, 36 करोड़ की संपत्ति जब्त, कोर्ट में सुनवाई शुरू

गुरुग्राम लैंड स्कैम में वाड्रा पर पहली आपराधिक केस,

नई दिल्ली : गुरुग्राम के चर्चित जमीन घोटाले में बिज़नेसमैन रॉबर्ट वाड्रा पर पहली बार आपराधिक शिकंजा कसते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया है और वाड्रा से जुड़ी 36 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू कर दी।

ईडी द्वारा 17 जुलाई को दाखिल की गई चार्जशीट में रॉबर्ट वाड्रा, उनकी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड, और अन्य 10 आरोपियों को नामजद किया गया है। इनमें ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज, सत्यनंद याजी और केवल सिंह विरक भी शामिल हैं।

ईडी के मुताबिक, वाड्रा की कंपनी ने साल 2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर (सेक्टर 83) में 3.53 एकड़ जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदी थी। इस डील में फर्जी दस्तावेज, झूठे घोषणापत्र और राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर वाणिज्यिक लाइसेंस हासिल किए गए, जिसके बाद जमीन को भारी मुनाफे पर बेचा गया।

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश सुशांत चंगोत्रा ने अदालत के अहलमद (रिकॉर्ड कीपर) को निर्देश दिया कि चार्जशीट और दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट पेश करें। अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी।

ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि वाड्रा और उनके सहयोगियों ने दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों में फैली 43 अचल संपत्तियों के जरिए अवैध धन को रियल एस्टेट में निवेश कर मनी लॉन्ड्रिंग की। इन संपत्तियों को अब अस्थायी रूप से अटैच कर लिया गया है।

गौरतलब है कि यह मामला गुरुग्राम पुलिस की एक FIR से शुरू हुआ था, जिसे बाद में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अपने हाथ में लिया। यह पहली बार है जब रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ किसी आपराधिक मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है।

इस मामले ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

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