ब्रेन-सिग्नल से कंट्रोल करेंगी मशीनें? ISS पर ‘थॉट्स ओवर ग्रैविटी’ में भारत की पहल

ISS पर ‘थॉट्स ओवर ग्रैविटी’ प्रयोग कर रहे शुभांशु शुक्ला

News Desk:  भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है। वे न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बने हैं, बल्कि अब वहां दिमाग से कंप्यूटर चलाने की नई तकनीक पर भी काम कर रहे हैं!

NASA और Axiom Mission-4 के तहत, शुक्ला ने पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री स्लावॉज़ उज़नांस्की के साथ मिलकर एक अनोखा प्रयोग शुरू किया है – जिसका नाम है “Thoughts Over Gravity”। इसमें खास नियर-इन्फ्रारेड तकनीक का इस्तेमाल करके दिमाग की तरंगें रिकॉर्ड की जा रही हैं, ताकि अंतरिक्ष में बिना हाथ लगाए सिर्फ सोच के ज़रिए कंप्यूटर या मशीनें कंट्रोल की जा सकें।

इसके अलावा, शुक्ला ने ISS के Destiny लैब मॉड्यूल में मांसपेशियों की मरम्मत और सूक्ष्म जलजीवों की जीवित रहने की क्षमता पर भी अहम रिसर्च की है। माइक्रोग्रैविटी में शरीर और जीवन के व्यवहार को समझना भविष्य की अंतरिक्ष यात्राओं के लिए बेहद जरूरी है।

लखनऊ में जन्मे शुक्ला, इस 14-दिनों की अंतरिक्ष यात्रा पर अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्रियों के साथ गए हैं। भारत का परचम अब अंतरिक्ष में दिमाग की ताकत से लहरा रहा है।

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