नई दिल्ली: अमेरिका ने H-1B वीज़ा पर कड़े नियम लागू कर दिए हैं, और इस बीच जर्मनी भारतीय टैलेंट को आकर्षित करने के लिए कदम बढ़ा रहा है। आईटी से लेकर तकनीक और मैनेजमेंट तक, भारतीय पेशेवर अब यूरोप में एक स्थिर और आकर्षक विकल्प पा सकते हैं।
भारतीय पेशेवरों की सफलता
जर्मनी के भारत और भूटान में राजदूत फिलिप एकरमैन ने X पर कहा, “जर्मनी में भारतीय सबसे ज्यादा कमाने वालों में शामिल हैं। औसतन भारतीय पेशेवर जर्मन पेशेवर से ज्यादा कमाते हैं—यह वाकई शानदार बात है।”
Here is my call to all highly skilled Indians.
Germany stands out with its stable migration policies, and with great job opportunities for Indians in IT, management, science and tech.
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— Dr Philipp Ackermann (@AmbAckermann) September 23, 2025
उच्च वेतन और योगदान
एकरमैन ने बताया कि यह सिर्फ वेतन की बात नहीं है, बल्कि भारतीय पेशेवर जर्मनी की अर्थव्यवस्था और समाज में भी बड़ा योगदान दे रहे हैं।
स्थिर और भरोसेमंद नीतियाँ
जर्मनी की वीज़ा और माइग्रेशन प्रणाली के बारे में उन्होंने कहा, “हमारी प्रणाली भरोसेमंद, आधुनिक और आसान है। पेशेवर लंबी अवधि के लिए करियर की योजना बिना किसी चिंता के बना सकते हैं। नियम अचानक नहीं बदलते, इसलिए आप सुरक्षित महसूस कर सकते हैं।”
अवसरों के लिए आमंत्रण
जर्मनी में कई क्षेत्रों में काबिल कर्मचारियों की कमी है। एकरमैन ने कहा, “कुशल भारतीयों का स्वागत है। जर्मनी में अवसर देखें—शायद आपको उम्मीद से ज्यादा मौके मिलें।”
जानकारी के लिए पोर्टल
इससे जुड़ा पोर्टल linktr.ee/germanyinindia पूरी जानकारी देता है कि कौन-कौन से अवसर उपलब्ध हैं।
भारत से दुनिया तक का विकल्प
जैसे-जैसे भारतीय पेशेवर विदेश में करियर की तलाश कर रहे हैं, जर्मनी की स्थिर नीतियाँ, मजबूत उद्योग और आकर्षक वेतन इसे अमेरिका के विकल्प से कहीं ज्यादा भरोसेमंद और आकर्षक बनाते हैं।