Global Arms की बिक्री 679 अरब डॉलर पर पहुँची; भारत भी शीर्ष रक्षा उत्पादक देशों में शामिल
दुनिया भर में हथियार बनाने (Global Arms Manufacturing) वाली 100 सबसे बड़ी कंपनियों की कमाई 2024 में 679 अरब डॉलर पर पहुँच गई — जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह जानकारी स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताज़ा रिपोर्ट में सामने आई है।

भारत के लिए यह साल अहम रहा। वैश्विक टॉप-100 में शामिल भारतीय कंपनियों की आय 8.2% बढ़कर 7.5 अरब डॉलर हो गई। SIPRI का कहना है कि भारत अब वैश्विक स्तर पर शीर्ष 15 रक्षा-उत्पादन देशों में अपनी जगह मजबूत कर रहा है, और ‘Make in India’ नीति इसका बड़ा कारण है।
SIPRI Top 100 arms producers see combined revenues surge as states rush to modernize and expand arsenals. The arms revenues of the SIPRI Top 100 companies totalled $679 billion in 2024, +5.9% from 2023.
Learn more: https://t.co/txUxYEgmnx#SIPRI #ArmsIndustry #Top100 pic.twitter.com/UQ7FZyev5i
— SIPRI (@SIPRIorg) December 1, 2025
दुनिया भर में हथियारों की माँग क्यों बढ़ी?
-
यूक्रेन युद्ध,
-
गाज़ा संघर्ष,
-
और लगातार बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव
इन सब ने हथियारों की खरीद तेज़ कर दी है।
अमेरिका सबसे आगे — लेकिन देरी और बजट गड़बड़ी जारी
अकेले अमेरिका की कंपनियों ने 334 अरब डॉलर के हथियार बेचे।
लेकिन F-35 लड़ाकू विमान, नई पनडुब्बियाँ और मिसाइल प्रोजेक्ट्स में भारी देरी और बजट ओवररन जारी है।
यूरोप में तेजी से सैन्य तैयारी
यूरोप के 26 हथियार निर्माता मिलकर 151 अरब डॉलर की कमाई पर पहुंचे।
चेक रिपब्लिक की कंपनी Czechoslovak Group ने तो 193% की अविश्वसनीय छलांग लगाई — क्योंकि वह बड़ी मात्रा में गोला-बारूद यूक्रेन को दे रही है।
रूस की कमाई भी बढ़ी — प्रतिबंधों के बावजूद
रूसी कंपनियों की आय 23% बढ़कर 31.2 अरब डॉलर हुई।
हालांकि रूस में कुशल कर्मचारियों की कमी और प्रतिबंधों के चलते उत्पादन ठहर सकता है, लेकिन घरेलू मांग ने इन कमियों को फिलहाल संतुलित कर दिया।
एशिया-ओशिनिया में चीन की गिरावट, जबकि जापान–कोरिया आगे
चीन की बड़ी रक्षा कंपनियों की आय 10% घट गई, और NORINCO की तो 31% गिर गई — कारण: खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार और रद्द किए गए कॉन्ट्रैक्ट।
दूसरी तरफ:
-
जापान की कंपनियों में 40% वृद्धि,
-
दक्षिण कोरिया में 31% वृद्धि,
-
और Hanwha Group अकेले 42% उछाल।
मध्य पूर्व का उदय
पहली बार मध्य-पूर्व की 9 कंपनियाँ टॉप-100 में शामिल हुईं।
इजरायली कंपनियों की आय 16% बढ़कर 16.2 अरब डॉलर पहुँच गई — गाज़ा के विरोध के बावजूद ग्राहकों की दिलचस्पी बनी रही।
भारत की भूमिका — बढ़ती आत्मनिर्भरता
भारत लगातार घरेलू उत्पादन बढ़ा रहा है —
HAL, BEL, DRDO और प्राइवेट सेक्टर मिलकर आने वाले वर्षों में भारत को हथियारों का आयातक नहीं, निर्यातक बनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं।

