AI बढ़ा रहा है परमाणु युद्ध का खतरा: SIPRI रिपोर्ट में वैश्विक हथियार होड़ पर चेतावनी
News Desk: स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते इस्तेमाल से परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ गया है। इंस्टीट्यूट का कहना है कि तकनीकी गड़बड़ी, गलतफहमी या संचार में चूक से परमाणु संघर्ष की संभावना पहले से कहीं अधिक हो गई है।
SIPRI के निदेशक डैन स्मिथ ने कहा, “अब जब इतनी नई तकनीकें और फैक्टर जुड़ गए हैं, तो यह तय करना कि हथियारों की होड़ में कौन आगे है, पहले से भी ज्यादा मुश्किल हो गया है। पुराने दौर के हथियार नियंत्रण के फॉर्मूले अब पर्याप्त नहीं रह गए हैं।”
वैश्विक सुरक्षा स्थिति और बिगड़ी
SIPRI की यह 56वीं वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि दुनिया की सुरक्षा स्थिति लगातार बिगड़ रही है। यूक्रेन, गाज़ा और अन्य हिस्सों में युद्ध जारी हैं, जिससे न सिर्फ मानवीय त्रासदी बढ़ी है बल्कि वैश्विक स्तर पर देशों के बीच तनाव भी बढ़ा है।
इसके अलावा, डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने से यूरोप समेत कई देशों में अमेरिका की विदेश नीति, साझेदारी और भरोसे को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है।
परमाणु हथियारों की दौड़ और तकनीकी उन्नयन
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में दुनिया के सभी नौ परमाणु संपन्न देश—अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इज़राइल—ने अपने परमाणु हथियारों को आधुनिक बनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
जनवरी 2025 तक दुनिया में कुल अनुमानित 12,241 परमाणु वारहेड्स हैं, जिनमें से करीब 9,614 सैन्य उपयोग के लिए स्टॉक में हैं। इनमें से लगभग 3,912 वारहेड्स तैनात किए जा चुके हैं और करीब 2,100 हाई अलर्ट पर हैं—ज्यादातर अमेरिका और रूस के पास। चीन ने भी अब कुछ हथियार मिसाइलों पर शांति काल में लगाने शुरू कर दिए हैं।
SIPRI के विशेषज्ञ हैंस एम. क्रिस्टेन्सन के मुताबिक, “शीत युद्ध के बाद परमाणु हथियारों की संख्या में जो गिरावट आ रही थी, वह अब रुक गई है। इसके उलट, अब हथियार बढ़ रहे हैं, भाषण और बयानबाज़ी आक्रामक हो रही है और समझौते टूट रहे हैं।”
चीन और भारत की स्थिति
रिपोर्ट बताती है कि चीन के पास अब कम से कम 600 परमाणु हथियार हैं और वह हर साल करीब 100 नए हथियार जोड़ रहा है। देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में चीन ने लगभग 350 नई ICBM साइलो तैयार कर ली हैं।
भारत ने भी 2024 में अपने परमाणु हथियारों की संख्या थोड़ी बढ़ाई है और नए किस्म की मिसाइलें विकसित की हैं। SIPRI के अनुसार, भारत की नई ‘कैनिस्टराइज्ड’ मिसाइलें मेटेड वॉरहेड्स (warhead-मिसाइल जुड़े हुए) के साथ ले जाई जा सकती हैं और भविष्य में ये एक मिसाइल पर कई वारहेड्स ले जाने में भी सक्षम हो सकती हैं।
वहीं पाकिस्तान ने भी नए डिलीवरी सिस्टम बनाए हैं और फिसाइल मटेरियल जमा कर रहा है, जिससे लगता है कि उसका परमाणु जखीरा भी आने वाले वर्षों में बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
SIPRI की यह रिपोर्ट साफ तौर पर दर्शाती है कि जहां दुनिया नई तकनीकों की ओर बढ़ रही है, वहीं पुरानी सैन्य सोच और परमाणु हथियारों की दौड़ एक बार फिर लौट रही है। ऐसे में AI का मिलिट्री इस्तेमाल युद्ध की आशंका को और खतरनाक बना रहा है।