क्या हेमंत सोरेन (Hemant Soren) बीजेपी (BJP) से हाथ मिलाएंगे?
झारखंड की राजनीति इन दिनों तेज़ सरगर्मियों से गुज़र रही है। कई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) बीजेपी के साथ अप्रत्याशित राजनीतिक गठबंधन की ओर बढ़ सकते हैं।
दिल्ली में हुई एक गोपनीय मुलाकात की खबर ने माहौल को और गर्म कर दिया है — बताया जा रहा है कि हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने राजधानी में एक वरिष्ठ बीजेपी नेता से मुलाकात की।
कांग्रेस में दरार, विधायक टूटने को तैयार
कांग्रेस के 16 विधायकों में से 8 विधायकों के JMM–BJP समर्थित नए समीकरण में शामिल होने की चर्चा तेज़ है।
द संडे गार्जियन के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी मान रहे हैं कि “अगले दो दिनों में तस्वीर साफ हो सकती है।”
हालांकि, कानूनी तौर पर कांग्रेस में विभाजन के लिए 11 विधायकों का एक साथ टूटना ज़रूरी है — और अंतिम फैसला विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो पर निर्भर करेगा, जो खुद JMM से हैं।
आंकड़ों का गणित: सरकार मज़बूत
82 सदस्यीय विधानसभा में:
-
JMM: 34
-
BJP: 21
-
AJSU, LJP और JD(U) समर्थन के साथ कुल संख्या: लगभग 58
यानी बहुमत के लिए ज़रूरी 41 सीटों से कहीं ज्यादा।
सोरेन क्यों सोच रहे हैं नए रास्ते पर?
पार्टी सूत्रों के अनुसार दो बड़ी वजहें हैं:
केंद्र के साथ बेहतर रिश्ते — जिससे विकास योजनाएं तेज़ हो सकती हैं
हेमंत सोरेन पर ED की जांच — जिससे राजनीतिक सुरक्षा की ज़रूरत महसूस हो रही है
इसके अलावा एक प्रस्तावित कानून भी चिंता का विषय है, जिसके तहत किसी भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री को 31वीं दिन की गिरफ्तारी पर पद छोड़ना होगा। यह शर्त सोरेन के लिए बेहद संवेदनशील है।
शिबू सोरेन और भारत रत्न की चर्चा
बीजेपी की ओर से अगले वर्ष शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की चर्चा ने राजनीतिक अटकलों को और हवा दे दी है। इसे JMM के प्रति एक संकेत माना जा रहा है — शायद एक नए समझौते का इशारा।
सब चुप… पर सियासत गरम
JMM, बीजेपी और कांग्रेस — तीनों दलों ने आधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन झारखंड की हिंदी मीडिया का दावा है कि दोनों दलों के बीच प्रारंभिक समझौता हो चुका है।
एक सूत्र के शब्दों में:
“अगर ये गठबंधन होता है, तो यह भारतीय राजनीति के हाल के इतिहास की सबसे अप्रत्याशित साझेदारी होगी।”
झारखंड की राजनीति इस वक्त एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है।
अगर हेमंत सोरेन INDIA गठबंधन छोड़कर NDA की तरफ जाते हैं, तो इसका असर सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ सकता है।
फिलहाल, हर कोई इंतज़ार कर रहा है — और गुप्त मुलाकातें सियासी बिसात बदल रही हैं।

