हर बार टैरिफ की धमकी… ट्रंप का ट्रेडमार्क?

हर धमकी के पीछे डील! क्या टैरिफ ट्रंप का ब्रह्मास्त्र है?

आशीष सिन्हा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दुनिया की अर्थव्यवस्था में भूचाल ला दिया है। इस बार उनका निशाना वे देश हैं जो BRICS जैसे गुटों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। ट्रंप ने धमकी दी है कि ऐसे देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ (आयात शुल्क) लगाया जाएगा।

लेकिन क्या ये वाकई आर्थिक हमला है, या फिर एक सोची-समझी रणनीति? आइए समझते हैं इस ‘टैरिफ पॉलिटिक्स’ की पूरी कहानी।

ट्रंप का फॉर्मूला: धमकी दो, डील पाओ

ट्रंप का तरीका नया नहीं है। वो अक्सर पहले टैरिफ की धमकी देते हैं, फिर जब दूसरा देश घबराता है, तो ट्रंप उसे बातचीत की टेबल पर लाते हैं। और अगर डील हो जाए, तो टैरिफ वापस ले लेते हैं।

इस चाल को अमेरिका में नाम दिया गया है TACOTrump Always Chickens Out यानी ट्रंप अक्सर पीछे हट जाते हैं।

“टैरिफ उनके लिए टैक्स नहीं, एक हथियार है। जिससे वो दुनिया से डील करवाते हैं।” – विलियम रिंश, विशेषज्ञ (CSIS)

सिर्फ व्यापार नहीं, सुरक्षा का भी बहाना

ट्रंप अक्सर टैरिफ को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हैं। चीन से व्यापार हो या मेक्सिको से फेंटानिल ड्रग्स का मुद्दा—हर बात में टैरिफ उनकी पहली प्रतिक्रिया होती है।

मई 2025 में, कोर्ट ने ट्रंप के एक टैरिफ फैसले को अवैध घोषित कर दिया, यह कहते हुए कि उन्होंने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया।

बाजार में हड़कंप, फिर राहत

ट्रंप की धमकी से दुनियाभर के बाजार गिरते हैं, निवेशक डरते हैं। लेकिन जैसे ही संकेत मिलता है कि ये सिर्फ धमकी थी, बाज़ार फिर संभल जाते हैं।

हाल ही में यूरोपीय यूनियन के साथ अमेरिका ने एक सीमित व्यापार समझौता किया—ट्रंप की धमकी के ठीक बाद।

चुनाव की तैयारी या देशभक्ति की चाल?

ट्रंप 2024 के अपने पुराने चुनावी फॉर्मूले को फिर दोहरा रहे हैं—‘अमेरिका फर्स्ट’। फैक्ट्रियों और किसानों के वोट के लिए टैरिफ उनका पसंदीदा हथियार है।

हालांकि आलोचक कहते हैं कि इससे महंगाई बढ़ती है, अमेरिकी कंपनियों को नुकसान होता है और वैश्विक अस्थिरता फैलती है।

BRICS को खुली चेतावनी

अबकी बार ट्रंप ने सीधा नाम लेकर BRICS देशों को धमकाया है—“जो देश अमेरिका विरोधी नीतियों के साथ खड़े होंगे, उन पर टैरिफ लगेगा।” BRICS की बैठक से पहले आया ये बयान वैश्विक संबंधों में तनाव बढ़ा रहा है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे BRICS देश डॉलर की जगह स्थानीय करेंसी में व्यापार को बढ़ावा दे सकते हैं।

ट्रंप की धमकी ही उनका असली हथियार है

ट्रंप की असली ताकत टैरिफ नहीं, बल्कि टैरिफ की धमकी है। इससे वो विरोधियों को डरा भी सकते हैं, और समर्थकों को दिखा सकते हैं कि “देखो, मैं अमेरिका के लिए लड़ रहा हूं।”

ये धमकी असली हथियार है — न लगे तो बेहतर, और लग जाए तो दिखावा।

Ref: –

AP News
Reuters
The Times UK
Washington Post
CSIS
अमेरिकी न्यायालय दस्तावेज

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