नई दिल्ली: भारत ने अमेरिका से होने वाले करीब 3.6 अरब डॉलर के बड़े सौदे पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया है। इस डील के तहत भारतीय नौसेना के लिए छह बोइंग P-8I समुद्री निगरानी विमान खरीदे जाने थे। वजह? अमेरिका का अचानक भारतीय निर्यात पर टैरिफ दोगुना कर देना—25% से बढ़ाकर 50%।
खबर है कि सिर्फ बोइंग जेट ही नहीं, बल्कि स्ट्राइकर लड़ाकू गाड़ियां और जैवेलिन एंटी-टैंक मिसाइल जैसे दूसरे अमेरिकी हथियार सौदे भी ठंडे बस्ते में डाल दिए गए हैं।
हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि “ये सारी बातें झूठी और गढ़ी हुई हैं” और सभी खरीद प्रक्रिया “नियम के मुताबिक जारी” है।
ट्रेड वॉर में फंसी डिफेंस डील
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी ने भारत को मुश्किल मोड़ पर ला खड़ा किया है—एक तरफ अमेरिका के साथ रणनीतिक रिश्ते, दूसरी तरफ अपने आर्थिक हित। रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर ये ‘पॉज़’ सच है, तो ये वॉशिंगटन को एक सख्त संदेश है कि दिल्ली रक्षा सौदों को भी ट्रेड वार में हथियार बना सकती है।
समुद्री सुरक्षा पर असर?
P-8I विमान हिंद महासागर में भारत की आंख और कान माने जाते हैं। इनकी तैनाती में देरी का मतलब है नौसैनिक तैयारियों पर सीधा असर, खासकर ऐसे वक्त में जब इंडो-पैसिफिक में तनाव बढ़ रहा है।
आगे क्या?
अब सबकी नजर इस पर है कि अमेरिका टैरिफ में नरमी लाता है या नहीं। वरना भारत यूरोप, इस्राइल या घरेलू विकल्पों की तरफ भी रुख कर सकता है। सवाल बड़ा है—ये बस एक छोटा ठहराव है… या फिर रणनीति में बड़ा मोड़?