नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला मंगलवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अपनी 18 दिन की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा पूरी कर पृथ्वी पर सकुशल लौट आए। वह Axiom-4 (Ax-4) मिशन के तहत गए थे।
शुक्ला और उनकी अंतरराष्ट्रीय टीम को लेकर स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल सोमवार शाम 4:45 बजे IST पर ISS से रवाना हुआ और करीब 22 घंटे की यात्रा के बाद मंगलवार को अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में उतरा।
#BreakingNews | #AxiomMission4 | Group Captain #ShubhanshuShukla and the Axiom-4 crew helped out of the Dragon spacecraft onto the recovery ship following their return to Earth after an 18-day mission aboard the International Space Station. pic.twitter.com/kw69zxSTa8
— Aviral Varshney ॐ (@AviralVarshney3) July 15, 2025
Dragon’s four main parachutes have deployed pic.twitter.com/oGfRfqCymB
— SpaceX (@SpaceX) July 15, 2025
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु को बधाई देते हुए कहा, “उनकी यह यात्रा करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणा है। उनका साहस और समर्पण देश को गर्व से भर देता है।” पीएम मोदी ने यह भी कहा कि यह मिशन भारत के मानवीय अंतरिक्ष अभियान ‘गगनयान’ की दिशा में एक बड़ा कदम है।
I join the nation in welcoming Group Captain Shubhanshu Shukla as he returns to Earth from his historic mission to Space. As India’s first astronaut to have visited International Space Station, he has inspired a billion dreams through his dedication, courage and pioneering…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 15, 2025
शुक्ला के उत्तर प्रदेश स्थित घर में खुशी का माहौल था। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, “यह हम सभी के लिए गर्व का पल है। हमने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना की थी और अब वह सफलतापूर्वक लौट आए हैं।”
धरती की ओर लौटते समय कैप्सूल ने हजारों किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वायुमंडल में प्रवेश किया। इस दौरान तापमान 1600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया और कुछ मिनटों के लिए संपर्क भी टूट गया था। लेकिन अंततः सबकुछ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और कैप्सूल सुरक्षित लैंड कर गया।
अब शुक्ला और उनकी टीम को ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर ले जाया जाएगा, जहां उनके स्वास्थ्य की जांच होगी और उन्हें धरती की गुरुत्वाकर्षण से फिर से सामंजस्य बैठाने की प्रक्रिया से गुजरना होगा।
अंतरिक्ष में रहते हुए शुभांशु शुक्ला ने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लिया, जिनमें पौधों की वृद्धि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मटेरियल साइंस पर खास ध्यान दिया गया। उनका ‘स्प्राउट्स प्रोजेक्ट’ नामक प्रयोग, जो माइक्रोग्रैविटी में पौधों की वृद्धि को लेकर था, भविष्य की अंतरिक्ष यात्राओं और पृथ्वी पर खेती के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।
शुक्ला की यह यात्रा भारत के लिए एक गौरवशाली क्षण है और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में देश की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है।